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“सैलरी दो, तब मिलेगा सामान…”, बस ड्राइवर ने क्यों हड़प लिया खिलाड़ियों का किट बैग? बांग्लादेश क्रिकेट का खस्ता हाल

Bangladesh Cricket Crisis

दरबार राजशाही टीम

Bangladesh Cricket Crisis: बांग्लादेश प्रीमियर लीग 2025 का सीजन न सिर्फ अपने मैचों के लिए, बल्कि एक अजीबो-गरीब घटना के लिए भी चर्चा में आ गया है. अगर आप समझ रहे हैं कि ये घटना किसी स्टार खिलाड़ी की धमाकेदार बैटिंग या बोलिंग से जुड़ी होगी, तो आप गलत सोच रहे हैं. असल में ये कहानी एक बस ड्राइवर और खिलाड़ियों के किट बैग्स की है! जी हां, आप बिल्कुल सही सुन रहे हैं.

दरबार राजशाही टीम, जो इस सीजन में कड़ी मुश्किलों का सामना कर रही थी, अब अपने खिलाड़ियों के बकाया पैसों को लेकर एक और नए हंगामे में फंस गई है. लेकिन, मामला इतना मजेदार है कि खुद बांग्लादेश के क्रिकेट प्रेमी भी सिर खुजलाते नजर आ रहे हैं.

क्या हुआ था?

कहानी की शुरुआत होती है उस दिन से जब खिलाड़ियों के लिए निर्धारित सैलरी का भुगतान नहीं हुआ. कई विदेशी खिलाड़ियों ने इसकी शिकायत की, लेकिन यहां पर ट्विस्ट आ जाता है. टीम के बस ड्राइवर ने खिलाड़ियों का ‘समान’ जब्त कर लिया! जी हां, ड्राइवर मोहम्मद बाबुल ने खिलाड़ियों के किट बैग्स को खुद के पास रख लिया और कह दिया, “भैया, अगर सैलरी नहीं मिली तो सामान नहीं मिलेगा.”

अब सोचिए, जब खिलाड़ी मैदान पर जीतने के लिए पसीना बहा रहे थे, तो ये ड्रामा चल रहा था. एक तरफ बकाया सैलरी की चिंता, दूसरी तरफ किट बैग्स के लिए लड़ाई. अब उस ड्राइवर का कहना था, “जब तक मेरी पेमेंट नहीं होती, तब तक आप लोगों के बैग्स भी मेरे पास रहेंगे.” खिलाड़ियों के पास अब कोई रास्ता नहीं था, और वो बस ड्राइवर की जिद के आगे मजबूर हो गए.

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होटल में कैद हुए खिलाड़ी

अब ये मामला एक मजाक का रूप ले चुका है. खिलाड़ी होटल में ‘कैद’ हो गए हैं, बिना अपने जरूरी सामान के, जबकि उनकी उम्मीदें टूटी हुई हैं. जो विदेशी खिलाड़ी अपनी क्रिकेट की चमक दिखाने के लिए आए थे, अब वो ‘बैग के इंतजार’ में हैं!

इस पूरे ड्रामे में जहां एक ओर बांग्लादेश क्रिकेट की असल स्थिति सामने आ रही है, वहीं ये सवाल भी उठता है कि क्या क्रिकेट के मैदान पर खेलने वाले खिलाड़ियों के साथ ऐसा सुलूक किया जाना चाहिए? बकाया पेमेंट और किट बैग्स का खेल क्रिकेट के मजेदार पहलू की जगह अब एक अजीब सी खिचड़ी बन चुका है.

और हां, ये भी याद रखें, दरबार राजशाही की टीम पहले ही बीपीएल के प्लेऑफ से बाहर हो चुकी है और इस संकट के बाद अब उन्हें अपनी इज्जत बचानी होगी. अब लोग कह रहे हैं कि खेल के मैदान पर जितना फोकस ‘स्पोर्ट्समैनशिप’ और ‘जीत’ पर होना चाहिए, उतना ही ध्यान खिलाड़ियों के हक और उनकी सही पेमेंट पर भी होना चाहिए.

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