Mehbooba Mufti: पूर्व सीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में शांतीपूर्ण और आतंक मुक्त चुनाव संपन्न हुए हैं. अब ऐसी त्वरित प्रतिक्रिया से दूसरे राज्यों में काम करने और पढ़ने वाले कश्मीरियों के खिलाफ भी नाराजगी हो सकती है.
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के साथ गठबंधन करने का निर्णय क्षेत्रीय पार्टियों के लिए महंगा साबित हुआ है. हरियाणा में JJP को किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी के साथ रहने का खामियाजा भुगतना पड़ा, जबकि जम्मू-कश्मीर में PDP को सत्ता साझेदारी के बावजूद समर्थन खोना पड़ा. आने वाला चुनाव 2024, इन दोनों राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, लेकिन एग्जिट पोल के परिणाम बताते हैं कि भविष्य की चुनौतियां इन पार्टियों के लिए कठिन होने वाली हैं.
इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने नसरल्लाह की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि अब दुनिया को नसरल्लाह से डरने की जरूरत नहीं है; वह आतंक का विस्तार नहीं कर पाएगा. ईरान के सरकारी समाचार नेटवर्क प्रेस टीवी ने भी इस घटना की पुष्टि की.
महबूबा मुफ्ती यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही हैं कि उनकी बेटी इल्तिजा राजनीति में आए और उनकी राजनीतिक उत्तराधिकारी बने. उन्हें अच्छी तरह पता है कि लोकसभा चुनाव हारने से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है और अगर वह विधानसभा चुनाव लड़ती हैं और हार जाती हैं, तो इससे उनकी बेटी के भविष्य को नुकसान हो सकता है.
Jammu-Kashmir Election 2024: मुफ्ती ने कहा कि उनकी पार्टी आगामी जम्मू और कश्मीर चुनावों में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन का समर्थन करने को तैयार है, बशर्ते वे पीडीपी के एजेंडे को स्वीकार करने के लिए तैयार हों.
5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने बड़ा संवैधानिक बदलाव करते हुए अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था, इससे न केवल जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हुआ, बल्कि इसे केंद्र शासित प्रदेश में भी बदल दिया गया.
पीडीपी संसदीय बोर्ड के प्रमुख सरताज मदनी ने कहा कि पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद पारा श्रीनगर से और पूर्व राज्यसभा सदस्य मीर फयाज बारामूला से चुनाव लड़ेंगे.