राहुल गांधी के पास अधिक शक्तियां होंगी क्योंकि भारत 10 साल में पहली बार लोकसभा में विपक्ष का नेता देख रहा है. सरकार के लिए विपक्ष के नेता के समर्थन के बिना कोई फैसला लेना मुश्किल होगा.
स्पीकर चुने जाने पर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बिरला को बधाई दी. साथ ही अपील करते हुए कहा कि उम्मीद है कि आप हमें बोलने का मौका देंगे.
राहुल गांधी विपक्ष के नेता के रूप में सरकार की कमेटियों के भी हिस्सा होंगे. इतना ही नहीं राहुल गांधी मोदी सरकार के आर्थिक फैसलों की लगातार समीक्षा कर पाएंगे और सरकार के फैसलों पर टिप्पणी भी कर सकेंगे.
Leader Of Opposition: साल 1969 तक लोकसभा में विपक्ष का एक वास्तविक नेता होता था, जिसे कोई औपचारिक मान्यता, दर्जा या विशेषाधिकार नहीं मिलता था. बाद में विपक्ष के नेता को आधिकारिक मान्यता दे दी गई और 1977 के अधिनियम द्वारा उनके वेतन और भत्ते बढ़ा दिए गए.
Rahul Gandhi: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर मंगलवार को बैठक हुई. इस बैठक में राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनाने को लेकर विचार किया गया.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी को एनडीए सरकार के पहले 15 दिन में हुई घटनाओं का जिक्र कर घेरा है.
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने राज्य की 80 में से 43 सीटों को अपने नाम किया है.
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने एक्स पर एलन मस्क द्वारा पोस्ट को भी टैग किया जिसमें उन्होंने ईवीएम को खत्म करने की बात कही थी.
राहुल गांधी ने बुधवार को अपने मतदाताओं का आभार व्यक्त करने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कौन सी सीट को बरकरार रखना है और कौन सी सीट को छोड़ना है. इसका फैसला करना मुश्किल है.
नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए किसी भी दल के पास लोकसभा की कुल सीटों की 10 प्रतिशत सीटें होनी चाहिए. यानी 543 में से 54 सीटों की आवश्यकता होती है.