Bantenge Toh Katenge: उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर अपने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच मतभेद को स्पष्ट किया है. शुक्रवार को मंझवा उपचुनाव के प्रचार के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे पर टिप्पणी करने से बचते हुए इसे लेकर अपनी अलग राय पेश की.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कानपुर में आयोजित एक सभा के दौरान एक बार फिर ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया था. इस नारे के जरिए उन्होंने समाज में एकजुटता की अहमियत और बिखराव के खतरों के बारे में बताया. लेकिन डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने इस बयान पर अपनी टिप्पणी से बचते हुए कहा कि वह नहीं जानते कि मुख्यमंत्री ने यह बयान किस संदर्भ में दिया.
मैं इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं चाहता: मौर्य
केशव मौर्य ने संवाददाता से कहा, “मैं इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि मुझे यह नहीं पता कि मुख्यमंत्री ने यह बयान किस संदर्भ में दिया है. जो भी मुख्यमंत्री ने कहा है, वह सोच-समझकर कहा होगा, लेकिन मैं इस पर कोई प्रतिक्रिया देना उचित नहीं समझता.”
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खुद को योगी के नारे से किया अलग
मौर्य ने कहा कि उनका नारा हमेशा से “एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे” रहा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत से मेल खाता है. उन्होंने कहा, “हमारा नारा यह है कि अगर हम सब एक साथ रहेंगे, तो ही सुरक्षित रहेंगे. यह हमारा मूल सिद्धांत है.” मौर्य ने कहा कि एकजुटता और सहयोग ही सही दिशा में प्रगति की कुंजी है.
इस तरह, केशव मौर्य ने मुख्यमंत्री के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे से खुद को अलग कर लिया और अपनी पार्टी के सिद्धांतों को स्पष्ट किया. यह बयान तब आया है, जब उत्तर प्रदेश में समाजिक एकजुटता और सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा हो रही है.
झांसी अस्पताल में बच्चों की मौत पर केशव चिंतित
झांसी के एक अस्पताल में हुई बच्चों की दर्दनाक मौत पर भी केशव मौर्य ने गहरी चिंता व्यक्त की. इस घटना को उन्होंने अत्यंत दुखद बताते हुए कहा कि यह घटना उन्हें अंदर से मर्माहत कर गई है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर इस मामले में किसी तरह की लापरवाही या गलतियाँ पाई जाती हैं, तो सरकार किसी को भी बख्शने का विचार नहीं रखेगी.
मौर्य ने कहा, “झांसी अस्पताल की यह घटना बेहद दुखद है. यह एक गंभीर मामला है और हम इसकी पूरी जांच कर रहे हैं. अगर जांच में कोई दोष पाया जाता है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.” उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना की तीन स्तरीय जांच की जा रही है, जिसमें अस्पताल प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक के सभी पहलुओं की समीक्षा की जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.