MP News: शिवपुरी जिले के करैरा में बाबा बागेश्वर ने बयान दिया है कि एक ही बच्चा हो लेकिन कट्टर हिंदू होना चाहिए
MP News: कैलाश मकवाना साल 1988 बैच के IPS अधिकारी हैं. जो वर्तमान में पुलिस हाउसिंग के अध्यक्ष हैं. उनका कार्यकाल 30 नवंबर 2026 तक रहेगा. कैलाश मकवाना मूल रूप से मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के रहने वाले हैं
MP News: मध्य प्रदेश में सबसे कम ठंड पड़ने की वजह पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवाएं हैं. पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीम 234 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बह रही हैं. जिससे प्रदेश में सर्दी तेज हो गई है
Seedhe Mudde Ki Baat: पराली जलाने से प्रदूषण तो होती ही है. साथ-साथ मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम होती है. बहुत हानिकारक गैस निकलते हैं पराली जलाने से इसके अलावा कई बार पराली जलाने से आग लगने की भी घटनाएं सामने आती हैं
MP News: साल 2019 में कांग्रेस की ओर से रावत ने बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ मुरैना सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा. ये चुनाव रामनिवास रावत 1 लाख से ज्यादा वोट से हार गए. साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में फिर से जीतकर विधायक बने
यूक्रेनी सेना ने इस हमले की पुष्टि की है, लेकिन इस बात की जानकारी नहीं दी कि मिसाइल ने किस विशेष लक्ष्य को निशाना बनाया और इसके कारण कितना नुकसान हुआ.
गहलोत ने पार्टी छोड़ने के पीछे की वजह को स्पष्ट करते हुए कहा कि AAP की विचारधारा समय के साथ बदल गई और उनके सिद्धांतों से भटकाव हुआ. उन्होंने विशेष रूप से “शीश महल” का जिक्र किया , जिसे उन्होंने पार्टी के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया.
संबित पात्रा ने अमेरिकी जांच का हवाला देते हुए कहा, "अमेरिका में हुए एक जांच के दौरान जिन चार भारतीय राज्यों का नाम लिया गया था, उन चार राज्यों में उस समय कांग्रेस या उसके सहयोगी दलों की सरकारें थीं. ये राज्य थे - तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़."
अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है और उन्हें पूरी तरह से आधारहीन बताया है. कंपनी ने अपनी सफाई में कहा है कि वे सभी कानूनी नियमों का पालन करते हुए काम कर रहे थे और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है.
दोनों मामलों में यह साफ हो गया है कि सरकारें जब तक कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करतीं, तब तक उन्हें बड़ी कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. बीकानेर हाउस और हिमाचल भवन की कुर्की के आदेश ने यह दिखा दिया है कि अगर बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता, तो अदालत सख्त कदम उठा सकती है.