Bitcoin Controversy: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान, बिटकॉइन के एक विवाद ने तूल पकड़ लिया है. पुणे के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया है कि एनसीपी की नेत्री सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले ने 2018 में बिटकॉइन में हेराफेरी की और इसका इस्तेमाल विधानसभा चुनाव में किया. इस आरोप के बाद सुप्रिया सुले ने मीडिया के सामने अपनी सफाई दी.
सुप्रिया सुले ने मतदान के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जो ऑडियो क्लिप मीडिया में वायरल हो रही है, उसमें उनकी आवाज नहीं है और इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्होंने साइबर क्राइम विभाग में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है. इसके अलावा, सुप्रिया ने बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का नोटिस भी भेजा है, जो इस आरोप को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके थे.
सुप्रिया ने यह भी कहा कि वह त्रिवेदी द्वारा उठाए गए पांच सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं, और वह कहां और किस प्लेटफॉर्म पर यह सवाल किए जाते हैं, इसके लिए भी तैयार हैं.
अजित पवार का बयान
इस विवाद पर एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वे नाना पटोले को कई सालों से जानते हैं और उनकी आवाज पहचान सकते हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट रूप से कुछ भी कहने से इनकार किया क्योंकि आवाज की नकल भी की जा सकती है. पवार ने कहा कि अगर यह सच है तो जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.
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शरद पवार का बयान
एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आरोप लगाने वाला व्यक्ति पहले कई महीनों तक जेल में रहा है, और ऐसी स्थितियों में झूठे आरोप लगाना सिर्फ बीजेपी ही कर सकती है. उन्होंने बीजेपी के स्तर को लेकर भी कड़ी आलोचना की.
नाना पटोले की सफाई
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने बीजेपी पर चुनाव से ठीक पहले झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह उनकी आवाज नहीं है और उन्होंने बिटकॉइन के बारे में कभी कुछ नहीं सुना. पटोले ने बीजेपी को यह कहते हुए आड़े हाथों लिया कि उन्हें बदनाम करने का यह प्रयास अनुचित था.
बीजेपी का आरोप
बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने महाविकास अघाड़ी (MVA) के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए. त्रिवेदी ने दावा किया कि सुप्रिया सुले और नाना पटोले के बीच बिटकॉइन ट्रांजैक्शन हुआ था. उन्होंने व्हाट्सएप चैट्स और वॉयस नोट्स का हवाला देते हुए सवाल उठाए थे, जिनसे यह साबित होता था कि दोनों नेताओं का बिटकॉइन के लेन-देन में हाथ था. इस तरह से, महाराष्ट्र चुनाव के बीच बिटकॉइन विवाद ने राजनीति में और भी तूल पकड़ लिया है और इस पर लगातार बयानबाजी जारी है.