Ram Mandir Inauguration: सोमवार को जैसे ही भक्तों के लिए रामलला की भव्य मूर्ति का अनावरण किया गया, दुनियाभर के प्रमुख प्रकाशनों ने इसे अपने डिजिटल, टीवी और प्रिंट मीडिया पर जगह दी. पीएम मोदी के हाथों से घंटे भर के अनुष्ठान के बाद रामलला अपने दिव्य और भव्य मंदिर में विराजे. पूरे देश में इसे उत्सव के तौर पर मनाया गया. शाम के वक्त दीपोत्सव भी मनाया गया. ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के बाद, पीएम मोदी ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की ‘आरती’ की. इसके बाद उन्होंने दुनिया को बताया कि राम क्या-क्या हैं. आइये एक नज़र डालते हैं कि विदेशी मीडिया ने इस प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को कैसे कवर किया:
BBC
दुनिया भर की मीडिया ने इस कार्यक्रम को अपने-अपने नजरिए से कवर किया. ब्रिटेन के मीडिया हाउस बीबीसी ने अपनी हेडलाइन में लिखा- भारत के प्रधानमंत्री ने ढहाई हुई मस्जिद की जगह मंदिर का उद्घाटन किया. इस तरह के हेडलाइन से खबर छाप कर बीबीसी ने भारत की संवैधानिक मर्यादा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उपहास उड़ाया है.
CNN
सीएनएन ने भी इस कार्यक्रम को कवर किया. सीएनएन ने लिखा- पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले विवादास्पद हिंदू मंदिर का किया उद्घाटन, की दिव्य भारत की सराहना.
दी न्यूयॉर्क टाइम्स
न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को विस्तार से कवर किया. न्यूयॉर्क टाइम्स ने दो लेख छापे. एक लेख में लिखा था-पीएम मोदी ने विशाल मंदिर का किया उद्घाटन, हिन्दू-प्रथम भारत की जीत. दूसरे लेख में लिखा था- भारत का नया राम मंदिर क्यों है महत्वपूर्ण? न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में भारत का विस्तार से गुनगान किया गया है.
डॉन
पाकिस्तान की मीडिया ने भी इस घटना को कवर किया है. डॉन अखबार ने लिखा था, ‘मोदी ने बदलते भारत का प्रतीक राम मंदिर का किया उद्घाटन.
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून
एक्सप्रेस ट्रिब्यून का हेडलाइन था, ‘राम मंदिर के अभिषेक का नेतृत्व कर रहे हैं पीएम मोदी’
मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है रामलला की मूर्ति
बता दें कि अयोध्या में रामलला की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में रखा गया है. ‘राम लला’ की मूर्ति मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है. मूर्ति 51 इंच लंबी है और इसका वजन 1.5 टन है. मूर्ति में भगवान राम को पांच साल के बच्चे के रूप में चित्रित किया गया है जो उसी पत्थर से बने कमल पर विराजमान हैं. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 7 दिनों तक अयोध्या में अनुष्ठान किया गया. इन अनुष्ठानों का नेतृत्व वाराणसी के 121 ज्ञानियों ने किया. पीएम मोदी रामलला के मुख्य यजमान रहे.उन्होंने 11 दिनों तक चलने वाले कठिन व्रत का रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अंत किया.