Jharkhand Politics: झारखंड के मुख्यमंत्री की कुर्सी एक बार फिर हेमंत सोरेन को मिल सकती है. जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों के बीच सर्वसम्मति के बाद पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करने के लिए तैयार हैं. सूत्रों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है.सूत्रों ने बताया कि गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने रांची में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के आवास पर एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को जेएमएम विधायक दल का नेता चुनने का फैसला किया है.
पार्टी के एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘बैठक में चंपई सोरेन की जगह हेमंत सोरेन को लाने का फैसला लिया गया है.’ सूत्रों की मानें तो सीएम चंपई सोरेन आज देर शाम करीब 8 बजे अपना इस्तीफा दे सकते हैं. उन्होंने झारखंड गठबंधन के सभी विधायकों और मंत्रियों को राजभवन जाने के लिए 7 बजे तैयार रहने को कहा है.
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गिरफ्तारी से पहले दिया था सीएम पद से इस्तीफा
अगर हेमंत सोरेन शपथ लेते हैं, तो वह झारखंड राज्य के 13वें मुख्यमंत्री होंगे. बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अलावा हेमंत सोरेन के भाई बसंत और पत्नी कल्पना भी शामिल हुए. हेमंत सोरेन को लगभग पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था. हाई कोर्ट ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत दे दी थी. 31 जनवरी को गिरफ्तारी से पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.
#WATCH झारखंड: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन विधायक दल की बैठक आज रांची में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के आवास पर हुई।
(सोर्स- JMM) pic.twitter.com/ExtJ84ffPX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 3, 2024
किस मामले में जेल गए थे हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन पर 31 करोड़ रुपए से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप है. हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद 31 जनवरी को कथित भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था.
अपने हाथों में लेना चाहते हैं सरकार की कमान
जनता के बीच हेमंंत सोरेन की लोकप्रियता और उनके पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों को देखते हुए, उनके पुन: सत्ता में वापसी के आसार साफ नजर आ रहे हैं. ऐसा लगता है कि विधानसभा चुनावों में जाने से पहले हेमंत सोरेन पार्टी के साथ-साथ सरकार की कमान भी अपने हाथों में ले लेना चाहते हैं.