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राहुल गांधी ने क्यों नहीं मांगा ‘दीदी’ से इस्तीफा, क्या सिर्फ चुनिंदा मुद्दे ही उठाते हैं कांग्रेस नेता? बीजेपी का बड़ा आरोप

Rahul Gandhi

कांग्रेस नेता राहुल गांधी

Kolkata Rape Murder Case: आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बीच पश्चिम बंगाल और कई अन्य राज्यों में टीएमसी शासित ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है. भारत में ज्यादातर बार जब ऐसी कोई घटना होती है, तो अक्सर देखा जाता है कि आम लोग विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आते हैं. चुकी कोलकाता में पीड़िता एक डॉक्टर थी तो पूरा डॉक्टर समुदाय ममता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में जुट गए.

हालांकि, जब इस मुद्दे पर राजनेताओं की राय सामने आती है, तो अधिकांश में घटना का विरोध करने में दृढ़ संकल्प की कमी दिखाई देती है. कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियों को अक्सर महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में चुनिंदा मुद्दे का ही इस्तेमाल करते देखा जाता है. ऐसे कई मामले हैं, जिनमें कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी आदि प्रतिक्रिया देने में विफल रहे हैं. जब बलात्कार की घटना या महिलाओं के खिलाफ अपराध उस राज्य में हुआ है, जहां उनकी पार्टी की सरकार है, तो वे बहुत ही आसानी से चुप रहते हैं.

राहुल के पाखंड की पोल खुल गई: जी किशन रेड्डी

केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने राहुल गांधी पर हमला बोला. उन्होंने लिखा, “जब एक ऑटो चालक ने तेलंगाना के आसिफाबाद जिले के जैनूर में एक आदिवासी महिला के साथ हिंसक बलात्कार करने का प्रयास किया, तो राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने सक्रिय रूप से इसे दबाने की कोशिश की, क्योंकि अपराधी अल्पसंख्यक समुदाय से था. कांग्रेस पार्टी की तुष्टिकरण की राजनीति महिलाओं की सुरक्षा और भलाई पर हावी होती दिख रही थी. भाजपा शासित राज्य में बलात्कार की घटना की पुष्टि करने के बाद राहुल गांधी ने अचानक अपनी आंखें खोलीं और एक बयान दिया. इस मामले में,सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां मामले को दबाने के बजाय न्याय सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है.  रेड्डी के मुताबिक, राहुल गांधी पिछले 3 महीनों में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार, हिंसा और अत्याचार की कई घटनाओं पर न के बराबर प्रतिक्रिया दी है.

रेड्डी ने कुछ मामलों का अपने ‘एक्स’ पोस्ट में विस्तार से जिक्र किया है. 13 जून: तेलंगाना के पेड्डापल्ली जिले के सुल्तानाबाद मंडल के कटनापल्ली में एक चावल मिल में छह वर्षीय लड़की पर कथित तौर पर हमला किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. 22 जून: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में एक आदिवासी महिला को एक सप्ताह तक प्रताड़ित किया गया और उसके साथ मारपीट की गई. 21 जुलाई: तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले के हाजीपुर में दुकान मालिकों द्वारा एक कार में दो महिला मजदूरों का यौन उत्पीड़न किया गया. 24 जुलाई: तेलंगाना के मलकपेट ब्लाइंड स्कूल में एक 8 वर्षीय दृष्टिबाधित लड़की के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई. 30 जुलाई: तेलंगाना के निर्मल की एक 26 वर्षीय महिला यात्री के साथ चलती बस में कथित तौर पर मारपीट की गई.30 जुलाई: तेलंगाना के वनस्थलीपुरम में दो लोगों ने कथित तौर पर 24 वर्षीय सॉफ्टवेयर कर्मचारी का यौन उत्पीड़न किया.

इस सूची में चोरी के आरोप में शादनगर पुलिस द्वारा एक दलित महिला को क्रूर यातना देना और नगरकुरनूल जिले के कुंडा रेड्डीपल्ली में कांग्रेस समर्थकों द्वारा दो महिला पत्रकारों पर हमला करना भी शामिल है. रेड्डी ने जिन घटनाओं का जिक्र किया है वे सभी कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना में हुईं, लेकिन इन घटनाओं पर पूरी कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी ने चुप्पी साधे रखी है.

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क्या रेड्डी का आरोप सही है?

राजनीति को समझने वाले लोगों की मानें तो रेड्डी यहां गलत नहीं हैं. दरअसल, राहुल को जब पता चलता है कि घटना भाजपा शासित या भाजपा सहयोगी शासित राज्य में हुई है तो वे बहस में कूद पड़ते हैं. इसका एक उदाहरण यह है कि  जब जेडीएस के सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं के साथ बलात्कार का आरोप लगा तो उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की और आरोप लगाया कि उन्हें मामले की जानकारी है. लेकिन वही राहुल गांधी ममता बनर्जी शासित पश्चिम बंगाल में संदेशखली की घटना पर चुप रहे. इस घटना ने पूरे भारत में हलचल मचा दी थी, लेकिन राहुल ने भारतीय गठबंधन की सहयोगी ममता से इस्तीफा मांगने की हिम्मत नहीं की. इतना ही नहीं हाल ही में कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में घटित घटना पर भी राहुल ने सिर्फ इतना कहा कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है.

राहुल गांधी की चुनिंदा, विवादास्पद आक्रामकता महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए कुछ नहीं करती है, बल्कि केवल उनके नैरेटिव को ही उजागर करती है. अतीत में भी जब भाजपा शासित राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार या अत्याचार की कोई घटना सामने आती थी, तो विपक्ष और राहुल गांधी दोनों ही घटनाओं का विरोध करते हुए हंगामा मचाने के लिए कूद पड़ते थे. हालांकि, जब अतीत में राजस्थान जैसे कांग्रेस शासित राज्य में ऐसी ही कोई घटना हुई, तो उन्होंने इसे नजरअंदाज करना ही बेहतर समझा. राहुल और प्रियंका गांधी दोनों ही बलात्कार पीड़िता के परिवार को सांत्वना देने के लिए यूपी के हाथरस शहर गए, लेकिन बारां में इसी तरह की बलात्कार की घटना होने पर वे कांग्रेस शासित राजस्थान नहीं गए.

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