e-SIM एक वर्चुअल सिम होती है जो डिवाइस के अंदर ही लगी रहती है. इसमें प्लास्टिक सिम कार्ड डालने या निकालने की जरूरत नहीं होती. e-SIM को टेलीकॉम कंपनी डिजिटल तरीके से एक्टिवेट करती है. यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित मानी जाती है.e-SIM फोन की सेटिंग्स से ही एक्टिव हो जाती है. कॉल, मैसेज और डेटा की सुविधा सामान्य सिम जैसी ही मिलती है.भारत में जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया e-SIM सपोर्ट देते हैं. इससे नेटवर्क बदलना आसान हो जाता है.e-SIM का बड़ा फायदा है बिना सिम बदले नेटवर्क स्विच करने की सुविधा. साथ ही सिम खोने या खराब होने का डर नहीं रहता. सिम ट्रे न होने से फोन ज्यादा वाटर और डस्ट रेजिस्टेंट बनता है. कंपनियों को बड़ी बैटरी या नए फीचर्स के लिए जगह मिलती है.e-SIM की कमी यह है कि फोन खराब होने पर नंबर ट्रांसफर आसान नहीं होता. इसके लिए कंपनी से दोबारा एक्टिवेशन कराना पड़ता है.सुरक्षा के मामले में e-SIM और फिजिकल सिम लगभग बराबर हैं. मोबाइल नेटवर्क पर डेटा एन्क्रिप्टेड रहता है.