Illegal Mining Case: अवैध खनन के मामले में अखिलेश यादव को CBI का नोटिस, IP Singh बोले- हम डरने वालों में से नहीं
![Akhilesh Yadav, Illegal Mining Case](https://vistaarnews.com/wp-content/uploads/2024/02/Untitled-design-11.jpg)
सपा प्रमुख अखिलेश यादव
Illegal Mining Case: उत्तर प्रदेश से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को समन जारी हुआ है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो(CBI) ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष को अवैध खनन मामले में समन जारी किया है. CBI ने बतौर गवाह अखिलेश यादव को समन भेजा है. अखिलेश यादव को CBI ने कल यानी की 29 फरवरी को अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है.
CBI ED हर चुनाव से पूर्व सक्रिय हो जाती है और बीजेपी के इशारों पर सम्मन भेजती है हम डरने वालों में नहीं हैं।
मा0 अखिलेश यादव जी
— I.P. Singh (@IPSinghSp) February 28, 2024
समाजवादी पार्टी के नेता का दावा
समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने भी इस बात की पुष्टि कि है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने लिखा है कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की ओर से अखिलेश यादव को नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने अपने हैंडल पर लिखा, ‘CBI-ED हर चुनाव से पूर्व सक्रिय हो जाती है और बीजेपी के इशारों पर सम्मन भेजती है. हम डरने वालों में नहीं हैं.
सपा प्रमुख को दिल्ली में होना होगा पेश
बता दें कि अखिलेश यादव को 29 फरवरी को दिल्ली में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन(CBI) के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया है. अखिलेश यादव के खिलाफ CBI ने CRPC की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया है. CBI की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि अवैध खनन मामले से जुड़े कुछ सवालों के जवाब देने के लिए अखिलेश यादव को सीबीआई के समक्ष उपस्थित होना होगा.
यह भी पढ़ें: Bihar Politics: क्या BJP ज्वाइन करेंगे RJD और कांग्रेस के 4 विधायक? पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का दावा
2012 से 2013 के बीच 14 टेंडर किए गए पास
कुछ समय पहले CBI ने इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में वर्ष 2012 से 2016 के दौरान यूपी सरकार की ओर से कुल 22 टेंडर पारित किए गए थे. इनमें से वर्ष 2012 से 2013 के बीच 14 बिल अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान पारित किए गए थे. इन्हीं मामलों की जांच एजेंसी की ओर से की जा रही है. बता दें कि अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और 2012 से 2013 तक राज्य के खनन मंत्री भी रहे.
‘आधिकारिक जानकारी अभी नहीं मिली’
वहीं इस मामले पर सपा की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है. सपा के प्रवक्ता मनोज सिंह काका ने कहा कि सीबीआई और ईडी अनुषांगिक संगठन हो गए हैं. जो कोई भी सरकार के खिलाफ बोलेगा उसे नोटिस भेज दिया जाएगा, तो सीबीआई अगर नोटिस देती है तो कोई हैरानी नहीं है. हालांकि, इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई के नोटिस की आधिकारिक जानकारी अभी नहीं मिली है.