Uttarakhand News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने PMLA के तहत उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत को एक बार फिर समन जारी किया है. जांच एजेंसी ने पूछताछ के 2 अप्रैल को उन्हें बुलाया है. ईडी ने वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे और कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में हरक सिंह रावत को समन जारी किया है. पिछले समन पर हरक सिंह रावत ED के सामने पेश नहीं हुए थे.
बता दें कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखरो रेंज घोटाला मामले में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ईडी के दूसरे समन पर भी पेश नहीं हुए थे. उनके पूर्व जन संपर्क अधिकारी विजय चौहान ने बताया कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों में वह दिल्ली में थे. जिसके कारण वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हो सके. उन्होंने एक महीने का समय मांगा था. दूसरी ओर पूर्व मंत्री हरक सिंह की पत्नी व पौड़ी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीप्ति रावत ईडी के समक्ष पेश हुई थीं. जहां उनसे पूछताछ की गई.
पूर्व मंत्री और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापा
सूत्र की माने तो कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत से 14 फरवरी को छापेमारी के दौरान ईडी की ओर से बरामद दस्तावेज, नकदी व गहनों के संबंध में पूछताछ की जानी है. इससे पहले ईडी ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत, उनके रिश्तेदारों और वन अधिकारियों के उत्तराखंड समेत दिल्ली व हरियाणा में 17 जगह छापेमारी कर 1.10 करोड़ रुपये की नकदी, करीब 80 लाख रुपये का 1.30 किलोग्राम सोना व 10 लाख रुपये की विदेशी मुद्रा सीज की थी.
प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने PMLA के तहत उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत को एक बार फिर समन जारी कर 2 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया है।
ED ने वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे और कॉर्बेट नेशनल पार्क में पेड़ों की अवैध कटाई के मामले में हरक सिंह रावत को समन जारी… pic.twitter.com/MICplQTaxr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 28, 2024
अवैध कार्यों में शामिल होने का आरोप
बताते चलें कि हरक सिंह रावत उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हैं. 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. ईडी ने मामले के सिलसिले में 7 फरवरी को रावत और उनके रिश्तेदारों के परिसरों पर छापेमारी की थी. भाजपा सरकार में राज्य के वन मंत्री के रूप में रावत के कार्यकाल के दौरान, रावत और उनके कुछ विभागीय अधिकारियों पर अवैध कार्यों में शामिल होने से संबंधित गंभीर आरोप लगे.
भाजपा सरकार में राज्य के वन मंत्री के रूप में रावत के कार्यकाल के दौरान, रावत और उनके कुछ विभागीय अधिकारियों पर टाइगर सफारी परियोजना के तहत कॉर्बेट पार्क के पाखरो रेंज में अवैध पेड़ काटने और निर्माण में शामिल होने से संबंधित गंभीर आरोप लगे.