Haldwani Violence: ‘भीड़ ने पुलिस पर हमला किया, थाने को पेट्रोल बम से उड़ाया’, नैनीताल DM का खुलासा-छतों पर पत्थर इकट्ठे किए गए थे

Haldwani Violence: नैनीताल डीएम वन्दना सिंह ने कहा है कि हमने डिमोलिशन अभियान जारी रखने का फैसला किया क्योंकि परिसंपत्तियों पर कोई रोक नहीं थी.
Haldwani Violence

हल्द्वानी हिंसा

Haldwani Violence: उत्तराखंड एडीजी कानून एवं व्यवस्था एपी अंशुमान ने बताया है कि हल्द्वानी हिंसा प्रभावित बनभूलपुरा में चार लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. नैनीताल जिला प्रशासन के ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बनभूलपुरा में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं है. प्रशासन ने सभी स्कूल-कॉलेजों को भी बंद करने का आदेश दिया है.

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया गया है. इस हिंसा पर नैनीताल डीएम वन्दना सिंह ने कहा है कि आप वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिस बल किसी को उकसा और मार नहीं रहा है या किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है. होई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई.

उन्होंने कहा कि सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए. कुछ ने होई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया. जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से डिमोलिशन अभियान चलाया गया. यह कोई पृथक गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष परिसंपत्ति को टारगेट करके की गई गतिविधि नहीं थी.

अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान चल रहा है- DM

वन्दना सिंह ने कहा, ‘ये काफी लंबे समय से हल्द्वानी के अंतर्गत सरकारी परिसंपत्तियों को अलग-अलग क्षेत्रों में बचना का, अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान चल रहा है. उसी क्रम में खाली संपत्ति में दो संरचनाएं हैं, जो धार्मिक संरचना के रूप में पंजीकृत नहीं है और न ही कोई मान्यता प्राप्त है. कुछ लोग इस संरचना को मदरसा कहते हैं और कुछ लोग पूर्ण नमाज स्थल कहते हैं. इसको हमने खाली कराया.’

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उन्होंने कहा, ‘हमने डिमोलिशन अभियान जारी रखने का फैसला किया क्योंकि परिसंपत्तियों पर कोई रोक नहीं था, किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं था. विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया गया. हमारी टीमें और संसाधन मूव हुई और किसो को उकसाया या नुकसान नहीं पहुंचाया गया जिससे जनसंपत्ति की हानि हमारी टीमों (पुलिस और प्रशासन) के माध्यम से हो. अभियान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ. पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बावजूद आधे घंटे के भीतर एक बड़ी भीड़ ने हमारी नगर निगम टीम पर पहला हमला किया.’

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