पिता पूर्व CM, बहन विधानसभा स्पीकर… जानें कौन हैं मनीष खंडूरी? जिन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को दिया झटका

Lok Sabha Election: मनीष खंडूड़ी ने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर गढ़वाल से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. उन्हें 2 लाख से अधिक वोट मिले थे, जबकि भाजपा के तीरथ सिंह रावत ने जीत दर्ज की थी.
Lok Sabha Election

मनीष खंडूरी ने छोड़ी कांग्रेस

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को उत्तराखंड में बड़ा झटका लगा है. वरिष्ठ पार्टी नेता मनीष खंडूरी ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया है. माना जा रहा है कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं और  गढ़वाल संसदीय सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.

कौन हैं मनीष खंडूरी?

मनीष खंडूरी ने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर गढ़वाल से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. उन्हें 2 लाख से अधिक वोट मिले थे. चुनाव में भाजपा के तीरथ सिंह रावत ने जीत दर्ज की थी. बता दें कि कांग्रेस में आने से पहले खंडूरी फेसबुक में इंडिया हेद के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस ज्वाइन की थी.

ये भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी समेत कई नेता BJP में शामिल

बता दें कि मनीष खंडूरी उत्तराखंड के बड़े राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और पांच बार सांसद चुने गए थे. 2007 के चुनाव में जब उत्‍तराखंड में भाजपा को स्‍पष्‍ट बहुमत म‍िला, तब भाजपा ने भुवन चंद्र खंडूरी के नेतृत्‍व में सरकार बनाई थीं. मनीष के पिता और बहन दोनों ही राजनीति में है और भाजपा के नेता हैं. उनकी बहन ऋतु खंडूरी उत्तराखंड विधानसभा स्पीकर हैं.

क्या बोले मनीष खंडूरी? 

मनीष खंडूरी ने शुक्रवार, 8 मार्च को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दीं. उन्होंने कहा, ‘मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं. मेरा यह निर्णय बिना किसी व्यक्तिगत हित अथवा अपेक्षा के लिया गया है.”

भाजपा के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनाव

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मनीष खंडूरी भाजपा के टिकट पर गढ़वाल से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. उन्हें पिछले चुनाव में गढ़वाल संसदीय सीट से कांग्रेस के टिकट पर दो लाख से ज्यादा वोट मिले थे. वहीं, भाजपा के तीरथ सिंह रावत ने जीत दर्ज की थी.

ज़रूर पढ़ें