Operation Sindoor: फ्रांसीसी खुफिया एजेंसी की एक हालिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर चीन के द्वारा प्रोपेगंडा फैलाया गया था. फ्रांसीसी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हवाई संघर्ष के बाद चीन ने अपने दूतावासों के माध्यम से राफेल फाइटर जेट की विश्वसनीयता को कमजोर करने के लिए एक सुनियोजित दुष्प्रचार अभियान चलाया था. इस अभियान का उद्देश्य फ्रांस की रक्षा उद्योग को नुकसान पहुंचाना और चीनी निर्मित जेट, विशेष रूप से जे-10सी को बेहतर विकल्प के रूप में प्रचारित करना था.
ऑपरेशन सिंदूर और राफेल की भूमिका
ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर की गई हवाई कार्रवाई थी. जिसे अप्रैल 2025 में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब माना गया. इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने राफेल फाइटर जेट्स का उपयोग किया, जो डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित अत्याधुनिक 4.5 पीढ़ी के मल्टीरोल फाइटर जेट हैं. राफेल ने SCALP मिसाइलों और AASM हैमर ग्लाइड बमों के साथ नौ लक्ष्यों पर हमला किया था.
चीन का दुष्प्रचार अभियान
फ्रांसीसी खुफिया सेवा ने पाया कि चीनी दूतावासों के रक्षा अताशे ने उन देशों में राफेल की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, जिन्होंने पहले ही राफेल खरीदे हैं, जैसे कि इंडोनेशिया और संभावित खरीदारों को चीनी जेट्स चुनने के लिए प्रेरित किया. इस अभियान में 1,000 से अधिक नए सोशल मीडिया अकाउंट्स का उपयोग किया गया, जिन्होंने AI-जनरेटेड सामग्री और मैनिपुलेटेड विजुअल्स के जरिए चीनी तकनीक की कथित श्रेष्ठता का प्रचार किया.
फ्रांस का जवाब
फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने इस अभियान को ‘विशाल दुष्प्रचार अभियान’ करार दिया है. जिसका उद्देश्य न केवल राफेल को बल्कि फ्रांस की रक्षा उद्योग और रणनीतिक स्वायत्तता को कमजोर करना था. डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने पाकिस्तान के दावों को ‘गलत’ बताया और राफेल की विश्वसनीयता का बचाव किया. फ्रांस ने इस दुष्प्रचार के खिलाफ जवाबी कार्रवाई शुरू की है.
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पाकिस्तान का दावा
पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच भारतीय विमानों को मार गिराया, जिनमें तीन राफेल शामिल थे. बता दें कि उस दौरान पाक ने बताय था कि भारत के जेट्स को कथित तौर पर चीनी निर्मित जे-10सी फाइटर जेट्स और PL-15 मिसाइलों द्वारा निशाना बनाया गया था. हालांकि, भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए इसे दुष्प्रचार करार दिया था. भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा था कि ‘लड़ाई में नुकसान स्वाभाविक है’, लेकिन पांच विमानों के नुकसान के दावे को अस्वीकार किया.
