Israel-Iran War: मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच चल रही तनातनी अब और दिलचस्प मोड़ ले रही है! खबर है कि एक चीनी कार्गो प्लेन ने तेहरान में गुपचुप तरीके से लैंडिंग की है, और वो भी अपने ट्रांसपॉन्डर को बंद करके. जी हां, ये वही ट्रांसपॉन्डर है, जो हवाई जहाज को रडार पर ट्रैक करता है. अब सवाल ये है कि आखिर चीन ऐसा क्यों कर रहा है? क्या वो ईरान को हथियारों की खेप भेज रहा है? या फिर कोई और बड़ा खेल चल रहा है?
इजरायल-ईरान का तनाव
पिछले कुछ समय से इजरायल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है. इजरायल ने ईरान पर कई हवाई हमले किए, जिनमें ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा. ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है. इस जंग में दोनों देश एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. लेकिन अब इस कहानी में एक नया किरदार आ गया है , चीन!
चीनी प्लेन का गुप्त मिशन
15 जून 2025 को एक चीनी कार्गो प्लेन तेहरान के हवाई अड्डे पर उतरा. लेकिन ये कोई आम लैंडिंग नहीं थी. इस प्लेन ने अपने ट्रांसपॉन्डर को बंद कर रखा था, यानी ये रडार की नजरों से बच रहा था. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों? खबरों की मानें तो इस प्लेन में भारी मात्रा में सैन्य उपकरण या प्रतिबंधित सामान हो सकता है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चीन ने इस गुप्त ऑपरेशन के जरिए ईरान को हथियारों की सप्लाई की है, ताकि वो इजरायल के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत कर सके.
ये खबर सबसे पहले BRICS न्यूज ने अपने एक्स अकाउंट पर शेयर की, जिसके बाद ये जंगल की आग की तरह फैल गई. सोशल मीडिया पर लोग तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं. कोई इसे चीन की चालबाजी बता रहा है, तो कोई इसे अमेरिका को खुली चुनौती मान रहा है.
चीन का ईरान प्रेम
चीन और ईरान का रिश्ता कोई नया नहीं है. दोनों देशों के बीच रणनीतिक और सैन्य सहयोग का लंबा इतिहास रहा है. चीन पहले ही साफ कर चुका है कि वो इस जंग में ईरान के साथ खड़ा है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कुछ दिन पहले एक बयान में कहा था, “चीन इजरायल के हमलों पर कड़ी नजर रख रहा है. हम ईरान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं और तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम का विरोध करते हैं.” चीन ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ को लेकर भी गहरी चिंता जताई थी. उसका कहना है कि इजरायल के हमले क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर सकते हैं. ऐसे में चीनी प्लेन की इस गुप्त लैंडिंग को कई लोग चीन की तरफ से ईरान को खुला समर्थन मान रहे हैं.
अमेरिका को चुनौती?
इस पूरे घटनाक्रम में एक और बड़ा खिलाड़ी है – अमेरिका. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी दी थी कि अगर वो इजरायल के खिलाफ कोई गलत कदम उठाएगा, तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. लेकिन चीन का ये कदम अमेरिका के लिए सीधी चुनौती जैसा लग रहा है. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि चीन न सिर्फ ईरान को समर्थन दे रहा है, बल्कि वो मध्य पूर्व में अपनी ताकत भी दिखाना चाहता है.
इस खबर ने पूरी दुनिया में हलचल मचा दी है. कुछ लोग इसे तीसरे विश्व युद्ध की आहट बता रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि ये बस चीन की कूटनीतिक चाल है. लेकिन एक बात तो साफ है कि मध्य पूर्व का ये तनाव अब सिर्फ इजरायल और ईरान तक सीमित नहीं रहा.
