Chhattisgarh: धान खरीदी के लिए फिर 37 हजार करोड़ का कर्ज लेने की तैयारी में राज्य सरकार, प्रदेश में जमकर हो रही सियासत

Chhattisgarh News: धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में धान का रकबा बढ़ने की संभावना बनी हुई है. इसलिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने राज्य सरकार 37 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की तैयारी कर रही है.
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कृषि मंत्री राम विचार नेताम और पीसीसी चीफ दीपक बैज

Chhattisgarh News: धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में धान का रकबा बढ़ने की संभावना बनी हुई है. इसलिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करने राज्य सरकार 37 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की तैयारी कर रही है. मार्कफेड ने अलग अलग बैंकों से निविदा जारी कर प्रस्ताव मंगाए गए हैं. वहीं कांग्रेस ने राज्य सरकार के निर्णय का विरोध किया.

राज्य सरकार जब कर्ज लेती है तब भ्रष्टाचार करने नहीं लेती – रामविचार नेताम

खाद्य विभाग और मार्कफेड ने धान खरीदी की प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी है.खरीफ वर्ष 2024-25 के लिए समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन नीति को कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली है. वहीं धान खरीदी के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक भी नहीं हो पाई है. बैठक जल्द होगी इसपर चर्चा लगातार तेज है. इस बीच कृषि मंत्री रामविचार नेताम का कहना है कि राज्य सरकार जब कर्ज लेती है तब भ्रष्टाचार करने नहीं लेती. कांग्रेस कर्ज लेकर भ्रष्टाचार कर रही थी. किसानों के हित में अगर अच्छे काम किए होते आज उनको यह दिन नहीं देखना पड़ता.

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छत्तीसगढ़ के हर व्यक्ति को कर्ज के बोझ तले दबा दिया – दीपक बैज

धान खरीदी पर कर्ज लेना विपक्ष को खल रहा है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का कहना है कि छत्तीसगढ़ में 9 माह की सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपयों का कर्ज ले लिया है. छत्तीसगढ़ के हर व्यक्ति को कर्ज के बोझ तले दबा दिया है. अब एक बार फिर सरकार कर्ज लेने की तैयारी कर रही है. सरकार का यह निर्णय गलत है. कांग्रेस इसका विरोध करती है.

धान पर गरमाई सियासत जल्द नहीं थमने वाली सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज की है हालांकि सरकार की सोच है कि कर्ज लेने से किसान समृद्ध होंगे क्योंकि उपार्जित धान की अधिक से अधिक खरीदी होगी. दूसरी ओर कांग्रेस ने अलग अलग मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की मुहिम छेड़ रखी है. अब देखना होगा की सरकार के कर्ज लेने पर किसानों को कितना लाभ मिल पाता है.

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