लेबनान में इजरायल का ऑपरेशन, हिजबुल्लाह के खात्मे के लिए नेतन्याहू का ‘पुतिन वाला प्लान’
Israel Iran War: इजरायल अपनी सुरक्षा को लेकर हमेशा से सतर्क रहा है, और इसका एक उदाहरण हमास के खिलाफ हालिया हमले में देखने को मिला. अब इजरायल की नजरें हिजबुल्लाह पर हैं. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह के खात्मे के लिए पुतिन की यूक्रेन युद्ध की रणनीति से प्रेरित एक बड़ा अभियान शुरू किया है. इस अभियान के तहत इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में ज़मीनी ऑपरेशन के साथ-साथ हवाई हमले भी तेज़ कर दिए हैं.
इजरायल का दक्षिणी लेबनान में एंट्री
इजरायल की नेशनल सिक्योरिटी कैबिनेट ने इस ऑपरेशन को हिजबुल्लाह के खिलाफ जंग का चौथा चरण बताया है. इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान के लगभग 30 गांवों को तुरंत खाली करने का अल्टीमेटम जारी किया है. इजरायली सेना के प्रवक्ता अविचय एड्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि दक्षिणी लेबनान के निवासियों को अवाली नदी की ओर उत्तर की ओर जाने की सलाह दी गई है, जो कि इजरायल-लेबनान सीमा से 60 किलोमीटर दूर स्थित है. इस क्षेत्र को 2006 के इजरायल-हिजबुल्लाह युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा बफर जोन घोषित किया गया था.
नेतन्याहू की ‘पुतिन’ रणनीति
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने दक्षिणी लेबनान में ऑपरेशन को तेज़ करने का फैसला किया, जो हिजबुल्लाह का गढ़ माना जाता है. नेतन्याहू की यह योजना रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 2022 में यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र पर कब्जा करने की रणनीति से प्रेरित बताया जा रहा है. पुतिन ने यूक्रेन को कमजोर करने के लिए डोनबास के महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्रों पर कब्जा कर उसे मनोवैज्ञानिक और सामरिक नुकसान पहुंचाया था. इसी तरह, नेतन्याहू ने भी हिजबुल्लाह को घेरने के लिए उसके गढ़, दक्षिणी लेबनान के टायर शहर पर हमला तेज कर दिया है. टायर हिजबुल्लाह की लॉजिस्टिक सप्लाई का महत्वपूर्ण केंद्र है, और इसे खत्म करने से हिजबुल्लाह की ताकत कमजोर हो जाएगी.
क्यों महत्वपूर्ण है टायर?
दक्षिणी लेबनान के टायर शहर को हिजबुल्लाह की लाइफलाइन कहा जाता है. यह शहर हिजबुल्लाह के सुरंग नेटवर्क का मुख्य केंद्र है, जिससे उसे सामरिक बढ़त मिलती है. नेतन्याहू की योजना है कि टायर से हिजबुल्लाह को काटकर उसे कमजोर किया जाए, ठीक उसी तरह जैसे पुतिन ने डोनबास पर कब्जा कर यूक्रेन की रीढ़ तोड़ी थी. टायर शहर पर इजरायल का नियंत्रण हासिल करने से हिजबुल्लाह की सैन्य और आर्थिक ताकत को बड़ा नुकसान पहुंचेगा.
पुतिन की ‘डोनबास रणनीति’
2022 में रूस ने जब यूक्रेन पर हमला किया, तब पुतिन की प्राथमिक योजना डोनबास पर कब्जा करने की थी. इस क्षेत्र में स्थित डोनेत्स्क और लुहांस्क को रूस ने अलग राज्य के रूप में मान्यता दी, जहां 2014 से रूस समर्थित अलगाववादियों का कब्जा था. डोनबास पर कब्जा करने से यूक्रेन की अर्थव्यवस्था और सामरिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ा. डोनबास में कोयले की खदानें और औद्योगिक केंद्र होने के कारण यह यूक्रेन के लिए बेहद महत्वपूर्ण था. पुतिन ने इसे काटकर यूक्रेन को रणनीतिक और आर्थिक दोनों तरह से कमजोर किया. इसी तरह, नेतन्याहू अब हिजबुल्लाह के खिलाफ वही रणनीति अपना रहे हैं, ताकि दक्षिणी लेबनान में उसकी पकड़ को खत्म किया जा सके.