राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

सुनील पाल

क्या सुनील पाल ने खुद ही रची थी किडनैपिंग की साजिश? पुलिस ने किया चौंकाने वाला खुलासा

इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत उस वक्त हुई जब सुनील पाल का अचानक गायब होने और फिर उनकी ओर से अपहरण की सूचना दी गई. खबरें आईं कि किडनैपर्स ने उन्हें 20 लाख रुपये की फिरौती के लिए पकड़ लिया था, और बाद में 7.5 लाख रुपये के बाद उन्हें छोड़ दिया था.

Atul Subhash Suicide Case

2 साल में 120 तारीखें, 3 करोड़ की डिमांड और फिर खो गई जिंदगी…रुला देगी अतुल सुभाष की दर्दनाक कहानी

ऐसा ही कुछ हुआ बेंगलुरू के 34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष के साथ. अतुल का मामला एक उदाहरण बन गया है. उनकी दुखद कहानी यह साबित करती है कि कैसे कानून की प्रक्रिया में अनावश्यक देरी और गलत आरोपों का सामना करने वाले व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से तबाह कर सकता है.

jagdeep dhankhar

राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस, जानिए क्या है उपराष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया?

वर्तमान में राज्यसभा में विपक्ष के पास बहुमत नहीं है. भाजपा और उनके सहयोगियों के पास अधिकांश सीटें हैं, जो अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने में रोड़ा डाल सकती हैं. ऐसे में विपक्ष का यह कदम एक राजनीतिक बयान हो सकता है, लेकिन इसके सफल होने की संभावना कम नजर आ रही है.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

दिल्ली में चुनाव के ऐलान से पहले कैंडिडेट्स की घोषणा क्यों…अरविंद केजरीवाल का माइंड गेम या कुछ और?

बगावत का खतरा और पार्टी की तैयारी राजनीतिक हलकों में चर्चा हो रही है कि जिन विधायकों के टिकट काटे गए हैं, उनके बगावत करने का खतरा भी हो सकता है. हालांकि, आम आदमी पार्टी ने यह कदम सोची-समझी रणनीति के तहत उठाया है. टिकट कटने के बाद नेताओं की नाराजगी को जल्दी सुलझाने का एक मौका पार्टी को मिल जाएगा.

हिमाचल प्रदेश के आनी में दर्दनाक सड़क हादसा, खाई में गिरी प्राइवेट बस, कई लोगों के मरने की आशंका

जानकारी के मुताबिक, यह हादसा कुल्लू के आनी उपमंडल के श्वाड-नगान सड़क पर हुआ. इस सड़क पर एक प्राइवेट बस करसोग से आनी आ रही थी. बस में लगभग 20 से 25 लोग सवार थे. जैसे ही बस शकेलहड़ के पास तीखे मोड़ से गुजर रही थी, अचानक ड्राइवर बस पर नियंत्रण खो बैठा और बस सीधे खाई में गिर गई.

Waqf Properties

994 संपत्तियों पर अवैध कब्जा, तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मामले…क्या वक्फ बोर्ड की आड़ में देशभर में चल रहा है बड़ा ‘खेल’?

क्या हो सकता है समाधान? इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार को वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को अपडेट करने, अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और वक्फ बोर्ड को ज्यादा अधिकार देने की जरूरत है. इसके साथ ही, राज्य सरकारों को इस दिशा में सहयोग बढ़ाना होगा, ताकि वक्फ संपत्तियों का उचित प्रबंधन और संरक्षण हो सके.

लालू यादव और ममता बनर्जी

“ममता बनर्जी को दो इंडी ब्लॉक की कमान”, लालू यादव का बड़ा बयान, क्या कांग्रेस को साइडलाइन करने की है तैयारी?

गठबंधन में नेतृत्व को लेकर यह विवाद कांग्रेस पार्टी के लिए नई चिंता का विषय बन गया है. पिछले लोकसभा चुनावों में जहां कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मजबूत स्थिति बनाई थी, वहीं कुछ राज्यों जैसे हरियाणा और महाराष्ट्र में पार्टी के प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली.

LIVE: हाथरस में कंटेनर और मैजिक की जोरदार टक्कर, 7 सवारियों की मौत, सीएम योगी ने किया मुआवजे का ऐलान

लोकसभा में भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, जहां विपक्षी सांसदों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. इस विरोध प्रदर्शन के कारण कई बार कार्यवाही स्थगित की गई है और सत्र का संचालन प्रभावित हो रहा है.

mamata banerjee rahul gandhi

“कांग्रेस देखे अपनी हालत, मैं INDIA ब्लॉक की कमान संभालने को तैयार हूं…”, ममता बनर्जी ने ऐसा क्यों कहा?

टीएमसी ने जहां अपने उपचुनावों में शानदार जीत हासिल की है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को एक-एक कर मुंह की खानी पड़ी. जब कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपनी जमानत तक खो दी, तो ममता ने यह साफ कर दिया कि उन्हें अपनी पार्टी की बढ़ती ताकत और BJP के खिलाफ एक सशक्त विपक्ष की जरूरत है.

अजित पवार

अजित पवार की संपत्ति नहीं है बेनामी, लेकिन सियासी पर्दे के पीछे कुछ और है कहानी!

अजित पवार के खिलाफ उठाए गए बेनामी संपत्ति के आरोपों को खारिज करना, केवल एक कानूनी निर्णय नहीं है, बल्कि राजनीति में चल रहे जटिल खेल का हिस्सा भी हो सकता है.

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