कश्मीर में अलगावादी नेताओं को बड़ा झटका, इंजीनियर रशीद की पार्टी और जमात को जनता ने नकारा

Jammu-Kashmir Election Result: इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) और जमात-ए-इस्लामी जैसी पार्टियां कोई खास असर नहीं डाल पाईं. चुनाव में इन पार्टियों के ज्यादातर उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए.
Jammu-Kashmir Assembly Election 2024

इंजीनियर रशीद

Jammu-Kashmir Election Result: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं और कश्मीर घाटी में अलगाववादी उम्मीदवारों को जनता ने पूरी तरह से नकार दिया है. इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) और जमात-ए-इस्लामी जैसी पार्टियां कोई खास असर नहीं डाल पाईं. चुनाव में इन पार्टियों के ज्यादातर उम्मीदवार अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए, जिससे साफ है कि मतदाताओं ने इन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया है.

हालांकि, लंगेट सीट से इंजीनियर रशीद के भाई खुर्शीद अहमद शेख ने जीत हासिल की, जिसे इस चुनाव का एकमात्र बड़ा उलटफेर कहा जा सकता है. वहीं, कुलगाम से जमात-ए-इस्लामी के समर्थित उम्मीदवार सयार अहमद रेशी ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कुल मिलाकर इन पार्टियों को जनता का साथ नहीं मिला.

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चुनाव में अफजल गुरु के भाई की हार

सबसे बड़ी हार सोपोर से अफजल गुरु के भाई ऐजाज अहमद गुरु की रही, जिन्हें सिर्फ 129 वोट ही मिले. यहां तक कि इस सीट से ‘नोटा’ (NOTA) को उनसे ज्यादा 341 वोट मिले. यह उनके लिए बड़ी शर्मिंदगी साबित हुई. वहीं, इंजीनियर रशीद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) ने 44 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इनमें से ज्यादातर अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए.

AIP के प्रवक्ता फिरदौस बाबा और बिजनेसमैन शेख आशिक हुसैन जैसे प्रमुख उम्मीदवार भी हार का सामना करने वालों में शामिल रहे. शेख आशिक को सिर्फ 963 वोट मिले, जबकि ‘नोटा’ को 1,713 वोट मिले, जो यह दिखाता है कि जनता ने इस पार्टी को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.

जमात-ए-इस्लामी का भी बुरा हाल

जमात-ए-इस्लामी ने कुल चार उम्मीदवार उतारे थे और चार अन्य का समर्थन किया था. लेकिन केवल कुलगाम से सयार अहमद रेशी ही थोड़ी पहचान बना पाए. बाकी सभी उम्मीदवार बुरी तरह हार गए. जमात के एक अन्य उम्मीदवार तलत मजीद, जो पुलवामा से चुनाव लड़ रहे थे, ने हार का जिम्मा जमात के कैडर से मिले कम समर्थन और बीजेपी के साथ जुड़े होने के आरोपों को दिया.

अलगावादी नेताओं को झटका

इस चुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया है कि कश्मीर की जनता अब अलगाववादी राजनीति को नकार रही है. विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनावी नतीजे कश्मीर की राजनीतिक दिशा में एक बड़े बदलाव का संकेत हैं. अब सभी की नजर इस बात पर होगी कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, जिसे जनता ने बड़े पैमाने पर समर्थन दिया है, अपने वादों पर कितना खरा उतरती है.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे स्पष्ट हो गए हैं. नतीजों में NC-कांग्रेस को जीत मिली है और इस गठबंधन ने सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है. चुनाव में NC-कांग्रेस को 49, भाजपा को 29, पीडीपी को 3, तो अन्य के खाते में 9 सीटें गई हैं.

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