CG News: कबाड़ बसों को RTO दे रहा फिटनेस सर्टिफिकेट, खतरे में यात्रियों की जान, बस मालिक दिखा रहे दबंगई

CG News: सरगुजा जिले के अंबिकापुर मुख्यालय से होकर चलने वाली यात्री बसों में अगर आप सफर कर रहे हैं तो सतर्क रहिए, सावधान रहिए क्योंकि इन बसों का संचालन नियम कानून को ताक पर रखकर किया जा रहा है. बसों को कागजों में फिटनेस सर्टिफिकेट तो जारी कर दिया गया है.
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CG News: सरगुजा जिले के अंबिकापुर मुख्यालय से होकर चलने वाली यात्री बसों में अगर आप सफर कर रहे हैं तो सतर्क रहिए, सावधान रहिए क्योंकि इन बसों का संचालन नियम कानून को ताक पर रखकर किया जा रहा है. बसों को कागजों में फिटनेस सर्टिफिकेट तो जारी कर दिया गया है, लेकिन हकीकत में बस अनफिट हैं, यात्री बसों के दरवाजे और सीट रस्सी के माध्यम से बांधकर टिकाए गए हैं, तो बसों के अंदर उपचार पेटी है और न ही आगजनी जैसी घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए फायर सिस्टम। इतना ही नहीं कई बसों में अंदर लाइट भी नहीं है जबकि यात्री बसों के भीतर लाइट होना इसलिए जरूरी है क्योंकि महिलाएं भी रात के समय इन बसों में सफर करती हैं और लाइट के अभाव में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती.

कबाड़ बसों को RTO दे रहा फिटनेस सर्टिफिकेट

विस्तार न्यूज़ की टीम ने यात्री बसों में आपकी यात्रा कितनी सुरक्षित है इसे जानने के लिए अंबिकापुर बस स्टैंड में पहुंचकर यात्री बसों का जायजा लेना शुरू किया तो पता चला सड़क में चलने वाली 30% से अधिक यात्री बस बाहर से देखने में ही अनफिट दिखाई दे रहे हैं लेकिन इसके बाद भी सड़कों में चल रही हैं और यात्रियों की जान के साथ खिलवाड कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ इन बसों को आरटीओ के मध्यम से फिटनेस सर्टिफिकेट भी मिला हुआ है यानी बसों को कागज में फिट दिखाया गया है देख लीजिए एक यात्री बस के अंदर जब हम पहुंचे तो क्या हकीकत थी.

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खतरे में यात्रियों की जान, बस मालिक दिखा रहे दबंगई

इसके बाद हम बस स्टैंड में ही खड़ी एक रशीद नामक बस की हकीकत दिखाने लगे लेकिन बस के अंदर सुरक्षा सहित अन्य मापदंडों को लेकर कोई भी व्यवस्था नहीं थी जब हमने इसे दिखाना चाहा तो यात्री बस के मालिक को यह सब नागवार गुजरने लगा वे हकीकत को छुपाना चाह रहे थे उन्होंने विस्तार न्यूज़ की टीम के साथ हकीकत दिखाने पर किस तरीके से व्यवहार किया, कैसे माइक लूटने लगे, और क्या कुछ करने लगे आप भी देख लीजिए.  ऐसे बस मालिक के खिलाफ और उनके बसों की जांच तो आरटीओ को तत्काल करनी चाहिए, वरना ऐसे बसों का संचालन खुलेआम सड़कों में किया जाता रहेगा और कार्रवाई नहीं होने की वजह से यात्रियों की जिंदगी खतरे में रहेगी। ऐसी हालत पर यात्री क्या कह रहे हैं उन्हें भी सुन लीजिए.

दूसरी तरफ सड़क पर चलने वाहनों की फिटनेस का सर्टिफिकेट जारी करने का काम अब सरकार के द्वारा प्राइवेट सेक्टर को दे दिया गया है और अब 30 प्रकार के टेस्ट को पास करने के बाद ही वाहनों को फिटनेस का सर्टिफिकेट दिया जा रहा है पूरे वाहन की कंप्यूटराइज्ड चेकिंग की जा रही है. जिम्मेदारों का कहना है कि मार्च 2024 से पहले मैनुअल तरीके से वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जाता था और जानकारों की माने तो उसमें बड़े पैमाने पर घालमेल किया जाता था वाहनों को बिना आरटीओ दफ्तर लाये ही उनका फोटो क्लिक कर उसे विभाग के वेबसाइट में अपलोड कर वाहन को फिट होने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता था, यही वजह है कि जिनवानों को पहले फिटनेस सर्टिफिकेट गड़बड़ी करते हुए जारी किया गया है वह वहां ही ऐसी हालत में सड़कों में दौड़ रहे हैं फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने को लेकर फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने वाले प्राइवेट सेक्टर के मैनेजर क्या कह रहे हैं उनकी सुन लीजिए. बहरहाल जो भी हो लेकिन सड़क में दौड़ रहे ऐसे कबाड़ वाहनों के खिलाफ आरटीओ के उड़न दस्ता को कार्रवाई करना है लेकिन आरटीओ के उड़न दस्ता टीम में शामिल जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है और यही वजह है कि आरटीओ की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो जाते हैं अब देखने वाली बात होगी कि आखिर आरटीओ सड़क में दौड़ रहा है कबाड़ जैसे वाहनों के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है.

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