Kawardha: सहकारी बैंक में 50 लाख रुपए से ज्यादा का फर्जीवाड़ा, 50 से ज्यादा बैगा आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी

Kawardha: कवर्धा के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बोड़ला में 50 लाख रुपए से ज्यादा का फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिसमें आधा दर्जन गांवों के 50 से ज्यादा बैगा आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी हुई है.
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पीड़ित

– वेदांत शर्मा 

Kawardha: कवर्धा के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बोड़ला में 50 लाख रुपए से ज्यादा का फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिसमें आधा दर्जन गांवों के 50 से ज्यादा बैगा आदिवासियों के साथ धोखाधड़ी हुई है. बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत और दलालों की मदद से बैगा आदिवासीयों की जानकारी के बगैर लाखों रुपए का केसीसी लोन निकाला गया है.

50 से ज्यादा बैगा आदिवासीयों के साथ धोखाधड़ी

यह पूरा खेल विधानसभा चुनाव के ठीक पहले हुआ था. पीड़ितों के अनुसार जिसमें भरतपुर के इंदल नामक व्यक्ति ने अलग-अलग बहाने बनाकर बैगा आदिवासीयों से पहले पासबुक मांगा और बैंक कर्मचारियों से मिलकर बैगा आदिवासीयों के नाम से केसीसी लोन निकाला. मामले की शिकायत भी हुई लेकिन जांच अधिकारी ने किसी भी तरह की ना रिपोर्ट पेश की और ना ही कारवाई की। भोले भाले बैगा आदिवासीयों के नाम पर लाखों रुपए का फर्जीवाड़ा होने के बावजूद भी किसी तरह की कारवाई नहीं होने से कई सवाल उठ रहे हैं.

जानिए क्या होता है केसीसी लोन

बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लोन, किसानों को कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए बैंकिंग प्रणाली से ऋण सहायता देने का एक ज़रिया है. केसीसी लोन के ज़रिए, किसानों को कई तरह के फ़ायदे मिलते हैं:

  1. केसीसी लोन पर 2% की दर से ब्याज अनुदान और 3% की दर से शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन लाभ मिलता है.
  2. पशुपालन और मत्स्य पालन से जुड़ी गतिविधियों में शामिल किसानों को 2 लाख रुपये का अनुदान मिलता है.
  3. केसीसी लोन के लिए 1.6 लाख रुपये तक के लोन के लिए कोई संपार्श्विक ज़रूरी नहीं होता.
  4. केसीसी लोन के लिए स्मार्ट सह डेबिट कार्ड (रूपे कार्ड) मिलता है.
  5. केसीसी लोन के लिए, 5 साल के लिए व्यापक प्रगतिशील सीमा मिलती है.
  6. हर साल 10% की सीमा में वृद्धि की जा सकती है.
  7. व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना (पीएआईएस) कवरेज मिलता है.
  8. प्रधानमंत्री फ़सल बीमा योजना (पीएमएफ़बीवाई) के तहत कवर किया जा सकता है.

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