Packed Water: FSSAI ने पैकेज्ड पेयजल को ‘उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों’ में किया चिह्नित, अब प्रमाणपत्र और BIS मार्क होगा जरूरी
Packed Water: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग और मिनरल वाटर को ‘उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणी’ के रूप में चिह्नित किया है. FSSAI की अधिसूचना के अनुसार, इसके तहत अब ये उत्पाद अनिवार्य जोखिम निरीक्षण और तीसरे पक्ष के ऑडिट की निगरानी में होंगे.
FSSAI के मुताबिक ‘उच्च जोखिम वाले खाद्य की श्रेणी’ में दुशित, खराब स्टोरेज और गलत प्रबंधन वाले उत्पाद शामिल हैं. इससे खाद्य जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों का उपयोग करने से पहले सख्त नियमों और उसकी निगरानी की जरूरत होती है. इस कैटेगरी में पैकेज्ड पीने के अलावा कच्चा मांस, मछली, डेयरी उत्पाद, ताजे कटे फल, सब्जियां, तैयार खाद्य पदार्थ, खाने के लिए तैयार भोजन, सलाद, पके हुए व्यंजन, मिठाइयां शामिल हैं.
FSSAI ने 29 नवंबर 2024 को जारी एक अधिसूचना में कहा, खाद्य सुरक्षा और मानक (बिक्री पर प्रतिबंध और प्रतिबंध) पहले संशोधन विनियम, 2024 दिनांक 17 अक्टूबर 2024) की राजपत्र अधिसूचना को ‘उच्च जोखिम खाद्य श्रेणियों’ के तहत माना जाएगा. यह बदलाव इन उत्पादों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से प्रमाणन की आवश्यकता को हटाने के सरकार के अक्टूबर के फैसले के बाद लिया गया है.
FSSAI के इन दिशानिर्देशों के मुताबिक, लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन देने से पहले खाद्य उत्पादों के लिए निर्माताओं/प्रोसेसरों का निरीक्षण अनिवार्य है. FSSAI के आदेश, पैकेज्ड पेयजल सहित उच्च जोखिम वाली खाद्य श्रेणियों के व्यवसायों को FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त तृतीय-पक्ष खाद्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा वार्षिक ऑडिट से गुजरना होगा.
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FSSAI ने बोला- उच्च जोखिम वाली खाद्य श्रेणियों के तहत सभी केंद्रीय लाइसेंस प्राप्त निर्माताओं को हर साल FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त तृतीय पक्ष खाद्य सुरक्षा ऑडिटिंग एजेंसी द्वारा अपने व्यवसाय का ऑडिट करवाना पड़ेगा. उच्च जोखिम वाली खाद्य श्रेणियों की सूची में अब पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वाटर भी शामिल हैं.
BIS और FSSAI प्रमाण जरुरी
यह फैसला उच्च जोखिम श्रेणी के अंतर्गत आने वाले उत्पादों के लिए सख्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. बता दें इससे पहले, पैकेज्ड पेयजल उद्योग ने सरलीकृत नियमों की मांग की थी. उन्होंने BIS और FSSAI दोनों से दोहरी प्रमाणन आवश्यकताओं को हटाने का भी अनुरोध किया था.