2035 तक भारत के पास होगा अपना Space Station, अभी किन देशों के पास है और यह क्या करता है?

जितेंद्र सिंह ने बुधवार को बताया कि भारत 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित कर लेगा. इसके साथ ही उन्होंने 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को उतारने की योजना की भी जानकारी दी.
Indian Space Station

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Indian Space Station: एक समय बैलगाड़ी और साइकिल पर रॉकेट ढोने वाले इसरो का लोहा आज स्पेस टेक्नोलॉजी में पूरी दुनिया मानती है. चंद्रयान और मंगलयान जैसे कई बड़े मिशन को अंजाम देने वाला भारत अब इसी दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाला है. जल्द ही अंतरिक्ष में भारत का अपना स्पेस स्टेशन होगा. इसकी जानकारी खुद साइंस एंड टेक्नोलॉजी और स्पेस राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी है. यह उपलब्धि हासिल करते ही भारत स्पेस टेक्नोलॉजी में कई दिग्गज देशों को पछाड़ देगा.

2035 तक बनेगा ‘भारत अंतरिक्ष स्टेशन’

जितेंद्र सिंह ने बुधवार को बताया कि भारत 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित कर लेगा. इसके साथ ही उन्होंने 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को उतारने की योजना की भी जानकारी दी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 2025 के अंत तक या 2026 की शुरुआत में गगनयान मिशन के तहत पहला भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाएगा.

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष योजनाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “हम अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने जा रहे हैं. अमेरिका और एक या दो अन्य देशों के बाद हम ऐसा करने वाले पहले लोगों में से होंगे. इसे 2035 तक ‘भारत अंतरिक्ष स्टेशन’ के रूप में जाना जाएगा. और 2040 तक हम चंद्रमा की सतह पर एक भारतीय की लैंडिंग करवा सकते हैं.”

दुनिया के इन देशों को छोड़ेगा पीछे

वर्तमान में अभी सिर्फ दो स्पेस स्टेशन सक्रिय हैं. इनमें से एक चीन के पास और दूसरा अमेरिका के पास है. चीन के स्पेस स्टेशन का नाम ‘तियानगॉन्ग स्पेस स्टेशन’ है. इसके अलावा अमेरिका के पास ‘इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन’ है. इसे 15 देशों के सहयोग से बनाया गया है. इसलिए इसे किसी एक देश का नहीं कहा जा सकता. रूस के पास मीर स्पेस स्टेशन था, जो 1986 से 2001 तक कार्यरत था. हालांकि अब रूस का कोई स्वतंत्र स्पेस स्टेशन नहीं है. रूस अब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का हिस्सा है.

क्या करता है स्पेस स्टेशन?

स्पेस स्टेशन, अंतरिक्ष में मौजूद एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री रिसर्च करते हैं. अंतरिक्ष के वातावरण में गुरुत्वाकर्षण बहुत कम होता है, इसलिए यहां ऐसे प्रयोग और शोध किए जा सकते हैं जो धरती पर संभव नहीं हैं. इसके साथ ही स्पेस स्टेशन ब्रह्मांड और हमारी धरती को लेकर और ज्यादा जानकारी जुटाने में मदद करता है.

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किसी देश के पास स्पेस स्टेशन होने का क्या महत्व है?

किसी देश के पास अपना खुद का स्पेस स्टेशन होना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. इस उपलब्धि का मतलब है, उस देश की वैज्ञानिक क्षमता उच्च कोटि की है. किसी देश का अपना स्पेस स्टेशन उसे अंतरिक्ष अनुसंधान में बाकी देशों के मुकाबले सबसे आगे खड़ा करता है. स्पेस स्टेशन के जरिए अंतरिक्ष में लंबे समय तक चलने वाले प्रयोग किए जा सकते हैं. इसके साथ ही स्पेस स्टेशन से पृथ्वी की निगरानी बढ़ती है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं का सही आंकलन किया जा सकता है. इससे अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी बढ़ता है, रिसर्च और डेवलपमेंट में बाकी देशों में आपसी सहयोग बढ़ता है.

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