अब 15 दिनों में रेलवे धोएगा इस्तेमाल हुए कंबल, इन बीमारियों का कम होगा खतरा
Indian Railway Bedrolls: बीते कई दिनों से रेलवे बेडरोल (Railway Bedrolls) में मिलने वाली कंबल की धुलाई को लेकर चल रहे विवाद पर अब पूर्णविराम लगा दिया गया है. इसे लेकर रेलवे ने गाइडलाइन (Railway Guideline) जारी की है. अब रेलवे द्वारा बेडरोल में मिलने वाले कंबल को 15 दिनों के अंतराल पर धोया जाएगा. यात्रियों (Passenger) से लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए रेलवे ने यह फैसला लिया है. रेलवे का ये फैसला ट्रेन यात्रियों के अच्छे स्वास्थ के लिए सही बताया जा रहा है.
हर दिन चलती हैं 13000 ट्रेनें
ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या के लिहाज से भारतीय रेलवे दुनिया में पहले नंबर पर है. भारतीय रेलवे की ट्रेनों के AC कोच में सफर करने वाले यात्रियों को बेडरोल की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है. कुछ समय पहले ही एक RTI के जवाब में रेलवे ने बताया था कि बेडरोल में मिलने वाले कंबल को महीने में एक बार धोया जाता है. जबकि रेलवे द्वारा बेडरोल में दी जाने वाली चादरों और तकिये के कवर्स को हर यात्रा के बाद धोया जाता है. रोजाना भारतीय रेलवे द्वारा 13,000 ट्रेनें चलाई जाती हैं. जिनमें करोड़ों लोग सफर करते हैं.
रेल मंत्री का हुआ था Video Viral
इसके बाद पिछले दिनों रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के जवाब में संसद में बताया कि ट्रेन में यूज होने वाले कंबल को एक महीने में एक बार धोया जाता है. उनके इस जवाब का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों ने इसकी धुलाई का समय घटाने की मांग की. यात्रियों की भारी मांग को देखते हुए रेलवे की तरफ से अब बड़ा फैसला लिया गया है.
इसके बाद अब ट्रेनों में सफर करने वालों को गंदे और बदबूदार कंबल नहीं मिलेंगे. रेलवे अब बेडरोल में मिलने वाले कंबल को हर 15 दिनों में धोएगा. यात्रियों की शिकायतों को देखते हुए भारतीय रेलवे ने यह फैसला लिया है.
गंदे कंबल इस्तेमाल करने से होने वाली बीमारियां
स्किन इंफेक्शन
अगर कंबलों में नमी रहती है और इसे कई दिनों तक ठीक तरह से न सुखाया जाए तो फंगस का खतरा बढ़ जाता है. जिससे स्किन इंफेक्शन हो सकता है.
अस्थमा का खतरा
गंदे कंबल में धूल और फंगस होने की वजह से एलर्जिक राइनाइटिस भी हो सकता है. इसके अलावा इससे अस्थमा जैसी बीमारियां भी घेर सकती हैं. सांस से जुड़ी अन्य समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं.
स्किन एलर्जी
ट्रेनों में कई दिनों तक कंबल न धोने और एक ही कंबल को कई यात्रियों के इस्तेमाल से इसमें बैक्टीरिया, वायरस या फंगस पैदा हो सकते हैं. गंदे कंबलों में धूल के कण या डस्ट माइट भी हो सकते हैं, जो स्किन एलर्जी, खुजली या रैशेज की समस्या का कारण बन सकते हैं.
यह भी पढ़ें: बोरियों में मिली एक ही परिवार की 5 लाशें, मेरठ के इस खौफनाक वारदात का राज क्या?
सर्दी-खांसी, खराश
कंबलों को बहुत दिनों तक नहीं धोया जाए और कई लोग उसका इस्तेमाल कर लें तो वायरस या बैक्टीरिया से कंबल संक्रमित हो सकते हैं. इससे सर्दी, खांसी और गले में खराश हो सकता है.
वायरल याफ्लू का खतरा
अगर आपसे पहले कंबल का इस्तेमाल किसी बीमार व्यक्ति ने किया है तो इससे फ्लू या वायरल का संक्रमण फैल सकता है.