पोस्टमार्टम करने वाली दलित महिला को मिला Ram Mandir का न्योता, पढ़िए Bastar की संतोषी दुर्गा की कहानी

Ram Mandir: बस्तर की रहने वाली संतोषी दुर्गा पेशे से एक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम सहायक के रूप में काम कर रहीं हैं.
Ram Mandir invitation dalit women bastar chhattisgarh sweeper job

संतोषी दुर्गा अपने परिवार के सदस्यों के साथ

Ram Mandir: “सपने में भी नहीं सोचा था कि राम मंदिर से निमंत्रण मिलेगा, पीएम नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद है, जिन्होंने इस दलित बेटी को राम मंदिर का न्योता भेजा.” 43 वर्षीय संतोषी दुर्गा मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए अपनी ख़ुशी को समेटने का प्रयास कर रही थीं. दरअसल, 22 जनवरी को होने जा रहे देश के सबसे बड़े आयोजन यानी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए उन्हें न्योता मिला है. इस न्योते के बाद उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है.

22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले ऐतिहासिक आयोजन में हर क्षेत्र से नागरिकों को निमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं. जहां बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज़ भी इस आमंत्रण से वंचित हैं, वहीं कई आम नागरिकों को इस भव्य आयोजन के साथ जोड़ा जा रहा हैं.

जा पर कृपा राम की होई, ता पर कृपा करहिं सब कोई

उत्तर बस्तर कांकेर जिले की जनपद पंचायत नरहरपुर के भगतसिंह वार्ड क्रमांक 05 की संतोषी दुर्गा अपने पति रविन्द्र दुर्गा, अपने तीन बच्चे अभिषेक, योगेश्वरी और बहन बिंदू सिंदूर के साथ रहती हैं. आमंत्रण मिलने के बाद संतोषी दुर्गा को अपने जीवन कि व्यस्तताओं के बीच यह अंदाज़ा भी नहीं था कि वो राम मंदिर में होने वाले कार्यक्रम में शामिल हो पाएंगी.

एक महत्वपूर्ण क्षण में शामिल होने की खुशी उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी. उन्होंने अब तक 700 से ज्यादा पोस्टमार्टम कार्यों में सहयोग किया है. उनके साहस और उनकी निडरता के लिए उन्हें श्रीराम मंदिर ट्रस्ट की ओर से 06 जनवरी 2024 को निमंत्रण भेजा गया. निमंत्रण मिलने के बाद संतोषी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद किया. गांव की बेटी संतोषी को मिले न्योते से पूरे नरहरपुर में खुशी का माहौल है.

पिता से लगाई थी ये शर्त

संतोषी के पिता पोस्टमार्टम सहायक के रूप में काम करते थे. शवों के गल जाने से फैलने वाली बदबू के बीच काम करने वाले संतोषी के पिता को शराब पीने की आदत लग गयी थी. अपने पिता की इस आदत से परेशान संतोषी ने एक दिन पिता से शर्त लगाई कि वो बिना शराब पिए ये काम करके दिखाएंगी.

घर की बड़ी बेटी होने के नाते संतोषी ने अपने पिता के देहांत के बाद भी इस काम को जारी रखा और पिता से लगाई शर्त में जीत हासिल की. वे 2004 से अब तक लगभग 700 से ज्यादा पोस्टमार्टम के मामलों में सहायता कर चुकीं हैं.

‘यह जीवन का सबसे अविस्मरणीय पल’

“अयोध्या से न्योता मिलने पर संतोषी ने कहा, “सपने में भी नहीं सोचती थी कि रामलला की जन्मभूमि अयोध्या से बुलावा आएगा. भगवान श्रीराम की कृपा से आमंत्रण पत्र भेज कर बुलाया गया है, यह जीवन का सबसे अविस्मरणीय पल होगा. पिछले जन्म में जरूर कुछ अच्छे कर्म रहे होंगे, जिसके प्रतिफल के रूप में भगवान श्रीराम के दर्शन करने का सौभाग्य मिल रहा है. दर्शन कर क्षेत्रवासियों की खुशहाली और तरक्की की कामना करूंगी.”

ज़रूर पढ़ें