Indore Lok Sabha Seat: भाजपा के गढ़ इंदौर में किस पर दांव लगाएगी कांग्रेस?
Indore Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही दोनों प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी अपने लोकसभा प्रत्याशियों के चयन में लग गई हैं. इंदौर से वर्तमान में बीजेपी के शंकर लालवानी सांसद हैं. उनके पहले लगातार आठ बार से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन यहां से सांसद रही हैं. लेकिन जिस तरह का कार्यकाल शंकर लालवानी का गुजरा है, उसके बाद सांसद प्रत्याशी बदलने को लेकर इंदौर शहर में लगातार मांग उठ रही है.
वहीं कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता यहां सांसद का चुनाव लड़कर हार चुके हैं. इनमें मुख्य तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी, ललित जैन, दिग्गज नेता महेश जोशी, मधुकर वर्मा, रामेश्वर पटेल, पंकज सांघवी और सत्यनारायण पटेल जैसे नाम प्रमुख हैं. 1989 से 2019 तक सुमित्रा महाजन ही इंदौर की संसद रही हैं. 2019 में शंकर लालवानी को यहां से भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था, जिन्होंने देश में सबसे अधिक 5 लाख मतों से जीत का रिकॉर्ड बनाया था. हालांकि जातिगत समीकरण देखा जाए तो पूरे देश में सिंधी समाज से एकमात्र सांसद शंकर लालवानी इंदौर से है, ऐसे में एक बार फिर पार्टी उन्हें मौका दे सकती है.
ये हो सकते है कांग्रेस के प्रत्याशी
इस बार विधानसभा चुनाव में जिस तरह के नतीजे आए हैं उसके बाद से कांग्रेस के कई बड़े नेता लोकसभा चुनाव में उतरने से घबरा रहे हैं. इंदौर में सभी सीट भाजपा की झोली में आई है, ऐसे में यहां से कांग्रेस से जो भी लोकसभा चुनाव लड़ेगा, उसके लिए चुनौतियां बहुत होगी. यहां से वर्तमान में कांग्रेस से लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व विधायक संजय शुक्ला और विशाल पटेल का नाम सबसे आगे है. तीनों ही इंदौर के पूर्व विधायक हैं और वर्तमान में सबसे बड़ी जमीनी पकड़ भी इन्हीं की है.
ये हो सकते हैं बीजेपी के प्रत्याशी
1989 में जब ताई पहली बार लोकसभा का चुनाव जीती थीं, तब से अब तक भाजपा का ही इंदौर में सांसद रहा है. लगातार आठ बार सांसद बनकर ताई ने एक रिकॉर्ड बनाया है. ताई के बाद शंकर लालवानी भी रिकार्ड मतों से जीते हैं. ऐसे में पार्टी एक बार फिर शंकर लालवानी पर भरोसा जाता सकती है, लेकिन उनकी निष्क्रियता के चलते अन्य दावेदार भी बीजेपी में लोकसभा चुनाव के लिए ताल ठोक रहे हैं. इनमें मुख्य तौर पर नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे का नाम सबसे ऊपर है. गौरव रणदिवे विधानसभा चुनाव भी लड़ना चाहते थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल सका. लिहाजा अब वह लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं. नगर अध्यक्ष के अलावा पूर्व विधायक जीतू जिराती का नाम भी चर्चाओं में है.