Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा में आए 14 दंपती ‘यजमान’, डोमराजा के परिवार से भी लेंगे हिस्सा
Ram Mandir Inauguration: अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के मूर्ति की होने जा रही प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों से आए 14 दंपती ‘यजमान’ के दायित्व का निर्वहन करेंगे. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने इस संबंध में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा यजमान के संबंध में जानकारी दी गई है. ट्रस्ट के मुताबिक अनुष्ठान 16 जनवरी को प्रारंभ हुआ था और शनिवार को इसका पांचवा दिन था.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने जानकारी देते हुए शनिवार को बताया कि हिंदू धर्म के अंतर्गत एक मंदिर की पूजा में व्यापक अनुष्ठान किया जाता हैं. इस दौरान कई ‘अधिवास’ होते हैं. रामलला के मुख्य प्राण प्रतिष्ठा पूजा में 14 दंपती हिस्सा लेंगे. ये सभी भारत के उत्तर, पूर्व, पश्चिम, दक्षिण और पूर्वोत्तर से हिस्सा लेने के लिए आए हैं. आए हुए 14 दंपति मुख्य यजमान होंगे. ‘यजमानों’ की सूची में राजस्थान के उदयपुर से रामचंद्र खरादी, असम से राम कुई जेमी, राजस्थान के जयपुर से गुरुचरण सिंह गिल, यूपी के हरदोई से कृष्ण मोहन, मुल्तानी से रमेश जैन, तमिलनाडु से आदलरासन और महाराष्ट्र से विठ्ठल कामनले शामिल हैं.
देशभर से 14 दंपति बनेंगे यजमान
यजमानों में महाराष्ट्र के लातूर में घुमंतू समाज ट्रस्ट से महादेव राव, कर्नाटक से लिंगराज बासवराज, राजधानी लखनऊ से दिलीप वाल्मिकी, डोम राजा के परिवार से अनिल चौधरी, काशी से कैलाश यादव, हरियाणा के पलवल से अरुण चौधरी और काशी से कवींद्र प्रताप सिंह शामिल हैं. सुनील अंबेकर ने कहा कि सभी यजमान इस समारोह में अपनी पत्नी के साथ शामिल होंगे. प्राण प्रतिष्ठा समारोह में इनका व्यापक ‘सहभाग’ होगा और धार्मिक ग्रंथों में जैसा उल्लेख है उसी प्रकार से समग्र पूजा पूरे विधि विधान के साथ की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि देश के हर हिस्से से लोग भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण चाहते थे और अब यहां दर्शन के लिए आते को उत्सुक हैं. कई लोगों ने राम मंदिर आंदोलन के वक्त और उसके बाद मंदिर के लिए संघर्ष किया. देश के हर कोने से लोग विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। आने वाले भक्तों के लिए अभियान चलाया गया है. हर भक्त इस मंदिर से जुड़ना चाहता है क्योंकि यह हर एक के लिए ऐतिहासिक क्षण है. यह समय पूरे भारत में उत्सव का है और हिंदू समाज के लिए एकता का उत्सव है.
विग्रह को कराना है स्नान
गर्भगृह का शुद्धीकरण कर दिया गया है, शनिवार को हुए अनुष्ठान में भगवान के विग्रह के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से लाए गए शक्कर और पुष्प अर्पित किए गए हैं. इस समारोह का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू विग्रह को स्नान कराना है और गर्भगृह का शुद्धीकरण शामिल रहा है. इसमें देशभर से विभिन्न धार्मिक स्थानों से लाए गए जल से शुद्धीकरण किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि 16 जनवरी को प्रारंभ हुआ यह अनुष्ठान आरएसएस नेता अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ऊषा मिश्रा द्वारा हो रहा है जो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के 15 न्यासियों में से एक हैं. मैसूर स्थित शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार रामलला का 51 इंच के विग्रह को गुरुवार दोपहर राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जा चुका है.