IT Raid: पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने आईटी रेड पर दिया बड़ा बयान, बोले- राहुल गांधी के दौरे के कारण हो रही छापेमारी
IT Raid: छत्तीसगढ़ में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के रायपुर स्थित विधायक कॉलानी समेत अंबिकापुर के आवास में IT ने छापेमारी की है. आईटी की छापेमारी के बीच पूर्व मंत्री अमरजीत भगत बंगले के गार्डन में आए. इस दौरान पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि राहुल गांधी के दौरे के कारण छापामारी हो रही है. भगत ने कहा कि राहुल गांधी के दौरे के लिए उन्हें संयोजक बनाया गया है और लोकसभा चुनाव में उनका नाम आ गया है, इसलिए उनको बदनाम करने की कोशिश हो रही है. इसके बाद पूर्व मंत्री भगत को मीडिया में बयान देने से रोका गया और IT अधिकारी अमरजीत भगत को घर के अंदर लेकर चले गए.
अमरजीत भगत ने क्या कहा
पूर्व मंत्री अमरजीत भगते के ठिकानों पर आईटी ने आज सुबह- सुबह दबिश दी. आईटी अधिकारियों ने उनके बैंकों के खातों की जानकारी ली और आईटी अधिकारी बैंक भी गए. वहीं बताया ये भी जा रहा है कि पूर्व मंत्री अमरजीत भगत की तबियत बिगड़ गई है. सूचना के बाद डॉक्टरों की टीम पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के घर पहुंची, जहां उनका इलाज जारी है.
बता दें कि आज ही आयकर विभाग की टीम ने पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के घर बड़ी कार्रवाई की है. जानकारी के अनुसार, अंबिकापुर स्थित केना बांध इलाके स्थित और रायपुर विधायक कालोनी स्थित पूर्वमंत्री अमरजीत भगत के घर पर आईटी की दबिश दी है.
इसी महीने राहुल गांधी छत्तीसगढ़ दौरे पर आने वाले है
आपको बता दें कि कांग्रेस पहले भी ईडी आईटी को लेकर ये आरोप लगा चुकी है कि भाजपा चुनाव में एजेंसियों का इस्तेमाल करती है. अब सामने लोकसभा चुनाव है और इसी महीने कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता राहुल गांधी छत्तीसगढ़ दौरे पर आने वाले है. इस दौरान राहुल 5 दिन में छत्तीसगढ़ के 7 जिलों में जाएंगे. इस यात्रा को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अमरजीत भगत को संयोजक बनाया है.
रमन सिंह ने अमरजीत भगत पर लगाया था राशन घोटाले का आरोप
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार में खाद्य मंत्री रहे अमरजीत भगत पर राशन घोटाला का आरोप लगाया था. इसके बाद इसकी जांच शुरू हुईं तो राशन दुकानों से करोड़ों का चावल कम मिला था और उस चावल को हितग्राहियों को भी नहीं बांटा गया था. इस गड़बड़ी के बाद कांग्रेस सरकार में राशन दुकानों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए दुकानदारों से घोटाला किये गए चावल के एवज में रुपये वसूल किया गया लेकिन इस मामले में सरकार ने दोषी अफसरों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई.