CG News: जांजगीर के दलहा पहाड़ में नाग पंचमी पर भव्य मेले का आयोजन, जानिए क्या है इसकी कहानी
CG News: जांजगीर-चाम्पा के अकलतरा ब्लॉक के दल्हा पहाड़ में नाग पंचमी पर भव्य मेले का आयोजन हुआ मेले में आसपास सहित अन्य प्रदेशों से लाखों पर्यटक पहुंचे. सबसे खास बात यह है कि दल्हा पहाड़ भारत का दूसरा केदारनाथ कहा जाता है. वहीं, दल्हा पहाड़ में स्थित सूर्य कुंड की मान्यता है कि का सूर्य कुंड का जल सेवन करने से शारीरिक समस्याएं या बीमारी दूर हो जाती हैं. जो आकर्षण का केंद्र है, यहां भगवान हनुमान की प्राचीन मंदिर है, जो आस्था केंद्र है.
हर वर्ष नाग पंचमी को दल्हा पहाड में एकदिवसीय मेले का आयोजन होता है, जिसमें स्थानीय पर्यटकों सहित देश के कोने-कोने से पर्यटक पहुंचकर पर्यटन करते हैं और पर्वतारोहण करते हैं. इसके साथ ही दल्हा पहाड़ अपने साथ कई मान्यताएं लिए हुए है. कहा जाता है कि मुनि आश्रम स्थित सूर्य कुंड का जल पीने से शरीर की हर तरह की समस्याओं का ईलाज हो जाता है. इसके साथ ही लोग अपने खेतो में भी कीटनाशक के रुप में छिड़काव करते हैं. जिससे खेत में कोई बीमारी नहीं होती. कहा जाता है कि द्वापर युग में जांजगीर स्थित भीमा तालाब को जब भीम द्वारा खुदाई किया गया था, उसी खुदाई से निकले हुए मिट्टी का अवशेष दल्हा पहाड के रुप में विद्यमान हो गया. इसके साथ ही यहां हर वर्ष हिन्दू पंचाग अनुसार अगहन महिने में 108 फीट ऊंचा झंडा फहराया जाता है, जो पूरे देश में एकमात्र स्थान पर होता है.
पर्यटकों ने क्या कहा
पर्यटक बताते हैं कि यहां आकर वो काफी गदगद हैं और मेला का लुप्त उठा रहे है. सूर्य कुंड बेहद आकर्षित करने वाला है क्यों कि इससे बीमारियां दूर होती है, इस लिए बड़ी दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं.
वहीं, पंडित ज्ञानेश्वर दास मानिकपुरी ने बताया कि यहां प्राचीन काल से मेला लगते आ रहा है और यह मेला इस लिए लगता है क्योंकि यह देश का दूसरा केदारनाथ माना जाता है. यहाँ सूर्यकुंड है जिसके जल सेवन से बीमारियां दूर होती है. यहां पिछले 65 साल से 108 मीटर का 9 रंगी झंडा फहरता है. आश्रम में ऋषि मुनियों की समाधि है. यही वजह से की यहां लाखों की संख्या में पर्यटक दल्हा पहाड़ पहुंचते हैं.