Chhattisgarh: युक्तियुक्त करण नियम से छत्तीसगढ़ के 5000 स्कूल हो जाएंगे बंद, शिक्षक कर रहे विरोध

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने सरकार के द्वारा जारी किए गए युक्तियुक्त करण नियम के खिलाफ में मोर्चा खोल दिया है. शिक्षकों का कहना है कि इस नियम के लागू होने के बाद प्रदेश में करीब 5000 स्कूल बंद हो जाएंगे वहीं अकेले सरगुजा जिले में करीब 500 स्कूल बंद होंगे.
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कलेक्ट्रेट पहुंचे शिक्षक

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने सरकार के द्वारा जारी किए गए युक्तियुक्त करण नियम के खिलाफ में मोर्चा खोल दिया है. शिक्षकों का कहना है कि इस नियम के लागू होने के बाद प्रदेश में करीब 5000 स्कूल बंद हो जाएंगे वहीं अकेले सरगुजा जिले में करीब 500 स्कूल बंद होंगे. इससे शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा. शिक्षक संघर्ष मोर्चा के द्वारा आने वाले दिनों में इस नियम को लागू करने पर विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी गई है.

युक्तियुक्त करण नियम का विरोध कर रहे शिक्षक

छत्तीसगढ़ में ऐसे सैकड़ो सरकारी प्राथमिक स्कूल है जहां बच्चों की संख्या बेहद कम है, कई ऐसे स्कूल हैं जहां 10 से 15 बच्चे ही पढ़ाई कर रहे हैं ऐसे स्कूलों को सरकार ने युक्तियुक्तकरण नियम लागू कर बंद करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है लेकिन इसे लेकर शिक्षक संघर्ष मोर्चा के द्वारा विरोध दर्ज कराया जा रहा है उनका कहना है कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे आखिर कहां पढ़ेंगे क्योंकि उन्हें नजदीकी स्कूल तक जाने के लिए कई किलोमीटर चलना पड़ेगा. वहीं स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना के सेटअप को भी बदल दिया गया है पहले प्राथमिक पाठशाला में एक हेड मास्टर और दो शिक्षकों की पदस्थापना का नियम था लेकिन अब नए सेटअप में एक शिक्षक की कमी कर दी गई है, ठीक उसी तरीके से पूर्व माध्यमिक स्कूलों में भी शिक्षकों की संख्या सेटअप में कम कर दिया गया है.

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इस नियम से छत्तीसगढ़ के 5000 स्कूल हो जाएंगे बंद

वीओ- युक्ति युक्त करण नियम का विरोध कर रहे शिक्षकों का कहना है कि इस नियम के लागू हो जाने के बाद जहां कई स्कूल बंद हो जाएंगे वहीं शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर भी इसका असर पड़ेगा क्योंकि इससे शिक्षकों की भर्ती की संख्या कम हो जाएगी । इन्हीं वजहों से प्रशिक्षित बी एड, डीएड संघ के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी ने भी आंदोलन करना शुरू कर दिया है। संघ के अधिकारियों करना है कि वह इस नियम के खिलाफ में 21 सितंबर को राजधानी रायपुर में प्रदर्शन करेंगे। क्योंकि प्रदेश में हजारों बीएड प्रशिक्षित बेरोजगार हैं जिन्हें इस नियम के बाद नौकरी के अवसर कम मिलेंगे।

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