"दुपहिया" की कहानी एक चोरी हुई मोटरसाइकिल के इर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन असल में यह सिर्फ एक बहाना है गाँव के सामाजिक ताने-बाने को उधेड़ने और फिर से जोड़ने का.
Mrs Review: Mrs. सिर्फ एक साधारण गृहिणी की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन अनकही सच्चाइयों को उजागर करती है, जिनसे हर भारतीय महिला कभी न कभी गुज़री होती है. यह फिल्म दिखाती है कि कैसे समाज में सदियों से चली आ रही पितृसत्तात्मक सोच महिलाओं की पहचान को धीरे-धीरे मिटाती जाती है और उन्हें सिर्फ एक "आदर्श पत्नी" और "संस्कारी बहू" के रूप में सीमित कर देती है.
श्याम बेनेगल की फिल्मों में समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्ग, महिलाओं की स्थिति, और भारतीय राजनीति तथा संस्कृति की बारीकियाँ मुख्यतः प्रकट होती थीं.
भारत के मशहूर तबला वादक, संगीतज्ञ और विश्व प्रसिद्ध कलाकार ज़ाकिर हुसैन अब दुनियां को अलविदा कह चुके हैं, जिन्हें उनकी अनूठी कला और अद्भुत शैली के लिए जाना जाता है.
13 दिसंबर को ज़ी-5 पर रिलीज हुई फिल्म डिस्पैच एक ऐसे पत्रकार जॉय (मनोज बाजपेयी) की कहानी है, जो हर समय अपनी अगली बड़ी खबर के पीछे भागता रहता है.
"वन नेशन, वन इलेक्शन" का प्रस्ताव न केवल सरकारी खर्चों को कम करने की दिशा में एक कदम हो सकता है, बल्कि संसाधनों का बेहतर प्रबंधन और राजनीतिक स्थिरता को भी बढ़ावा दे सकता है।
भारतीय सिनेमा में हिंसा और एक्शन का बढ़ता प्रभाव दर्शकों के रुझान को दर्शाता है, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि फिल्में भावनात्मक गहराई और संवेदनशीलता खो चुकी हैं.
कुल मिलाकर देखें तो महाराष्ट्र चुनाव 2024 ने राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय लिखा है. महायुति की प्रचंड जीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि संगठित प्रयास, स्पष्ट दृष्टिकोण, और जनता के साथ जुड़ाव ही सफलता की कुंजी है.
‘द साबरमती रिपोर्ट’ केवल एक फिल्म नहीं है; यह हमारे समाज, राजनीति और इतिहास की जटिलताओं को उजागर करने का एक प्रयास है. यह फिल्म दर्शकों को उस त्रासदी की गहराई को समझने का मौका देती है, जिसने गुजरात और पूरे भारत को झकझोर दिया था.
Sharda Sinha: शारदा सिन्हा की गायन यात्रा की शुरुआत रेडियो पटना से हुई थी, जहां उनकी आवाज़ ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. इसके बाद उन्होंने अपनी गायन यात्रा को भोजपुरी, हिंदी, मैथिली, और अन्य भाषाओं तक विस्तारित किया.