राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

Bihar NDA Victory

सभी गिराने में जुटे रहे, पर नीतीश कुमार नहीं गिरे, बिहार की राजनीति में ‘चचा’ का कोई तोड़ नहीं!

Bihar Election 2025: एनडीए के 'पांच पांडव' जेडीयू, बीजेपी, हम, रालोमो और एलजेपी ने जातिगत गणित को पलट दिया. नीतीश ने ईबीसी (26%), कुर्मी-कोइरी (7%), महादलितों को आरक्षण बढ़ाया, जबकि चिराग ने पासवान वोट जोड़ा. 2020 में चिराग की बगावत से नुकसान हुआ था, लेकिन इस बार गठबंधन ने सीमांचल और कोसी में कमाल किया.

Bihar Election 2025 Results

तीन साल की मेहनत, लाखों की भीड़, फिर भी ‘बस्ता’ खाली…बिहार में कैसे फेल हो गए पीएम-सीएम बनाने वाले प्रशांत किशोर?

Jan Suraj Party: पटना के गांधी मैदान से लेकर दरभंगा की सड़कों तक, पीले झंडे लहराए. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुए, जहां किशोर नीतीश सरकार पर हमलावर थे. प्रशांत ने कहा था कि पांच साल लूटा, अब चुनाव से पहले 5-10 हजार रुपये बांट रहे हैं.

Lal Quila Blast Case

8 आतंकी, 4 शहर और सीरियल ब्लास्ट की तैयारी…सुसाइड बॉम्बर उमर को मिले थे 20 लाख रुपए!

रिपोर्ट के अनुसार, इन 8 आतंकियों ने खुद को दो-दो के चार ग्रुप में बांट लिया था. इन सभी टीमों को देश के अलग-अलग 4 शहरों में जाने और वहां कई जगहों पर धमाके करने का जिम्मा सौंपा गया था.

Bihar Election NOTA Impact

बिहार चुनाव का ‘साइलेंट किलर’ NOTA! रिकॉर्ड वोटिंग के बीच कहीं पलट न जाए बाजी?

Bihar Election 2025: बिहार के वोटर राष्ट्रीय औसत से भी ज़्यादा NOTA को पसंद करते रहे हैं, जो एक बड़ी बात है. 2015 विधानसभा चुनाव में NOTA को 2.5% वोट मिले थे, जो अब तक का रिकॉर्ड है. हालांकि, 2020 विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 1.7% रहा. 2024 लोकसभा चुनाव में NOTA का वोट प्रतिशत एक बार फिर बढ़कर 2.1% तक पहुंच गया है.

Dust Control Tips

बंद कमरे में कहां से आती है धूल? जानिए हैरान कर देने वाली वजहें और 5 जादुई उपाय

Dust Control Tips: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि घर की धूल का 20 से 50 प्रतिशत हिस्सा दरअसल आपकी और आपके परिवार के सदस्यों की मृत त्वचा कोशिकाओं से बना होता है. इसके अलावा, पालतू जानवरों के बाल और त्वचा के गुच्छे भी इसमें शामिल होते हैं. खाना पकाने, मोमबत्तियां जलाने, या घर के अंदर धूम्रपान करने से भी बहुत महीन और हानिकारक धूल उत्पन्न होती है, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है.

UP Police Cash Recovery

6 KG गांजा, 500 ग्राम स्मैक…प्रतापगढ़ में ‘ड्रग माफिया’ के घर मिला इतना कैश, गिनने में लगे 22 घंटे

UP News: जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी राजेश मिश्रा जेल में होने के बावजूद अपने परिवार को फोन और मुलाकातों के जरिए निर्देश देकर गांजे और स्मैक का पूरा नेटवर्क चला रहा था. यह गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर मादक पदार्थों की सप्लाई करता था.

Rajnath Singh

परमाणु बम का ‘सीक्रेट खेल’ खेल रहा PAK? रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया भारत का रुख

Rajnath Singh On Pakistan: राजनाथ सिंह ने कहा, "जो परीक्षण करना चाहते हैं, उन्हें करने दें. हम उन्हें कैसे रोक सकते हैं? हालांकि, जो भी हो, हम किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं."

Bihar Exit Poll Challenges

चुनावी पंडितों के लिए सिरदर्द बना बिहार, ‘चौधरी’ सरनेम के जाल में उलझी जाति की पॉलिटिक्स, एग्जिट पोल करने वालों के छूटे पसीने!

Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति की जड़ें जाति पर आधारित हैं, यह सब जानते हैं. लेकिन उपनामों की जटिलता ने समीकरण को इतना पेचीदा बना दिया है कि यह पता लगाना मुश्किल है कि वोटर कौन किस पार्टी को वोट दे रहा है. राज्य में कई ऐसे सरनेम हैं जो ऊंची जाति से लेकर पिछड़ी जाति और दलितों तक में समान रूप से इस्तेमाल होते हैं.

Mohan Bhagwat

“हिंदू धर्म भी रजिस्टर्ड नहीं…”, मोहन भागवत ने बताया क्यों नहीं कराया RSS का रजिस्ट्रेशन

RSS: मोहन भागवत ने कहा कि अगर RSS को सरकार ने कभी मान्यता नहीं दी, तो उस पर तीन बार प्रतिबंध क्यों लगाया गया? उन्होंने आगे कहा, "हमें तीन बार प्रतिबंधित किया गया, यानी सरकार ने हमें मान्यता दे दी थी."

NCERT AI Draft

अब तीसरी क्लास में ही AI पढ़ेंगे बच्चे, CBSE ने NCERT को सौंप दिया पूरा खाका!

CBSE AI Curriculum: अभी तक CBSE स्कूलों में आठवीं से AI वैकल्पिक था. 2024-25 में 7.9 लाख बच्चों ने 9वीं-10वीं में और 50 हजार ने 11वीं-12वीं में AI चुना. लेकिन राज्य बोर्ड्स में ज्यादातर बच्चों को ये मौका नहीं मिलता. 2026 से हर राज्य बोर्ड में AI कम्पलसरी या वैकल्पिक रहेगा.

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