गणतंत्र दिवस परेड की झांकियां केवल सजावट का हिस्सा नहीं होतीं, बल्कि ये भारतीय संस्कृति, विरासत और एकता का प्रतीक होती हैं. जब ये झांकियां कर्तव्य पथ से गुजरती हैं, तो ये दर्शाती हैं कि भारत के विभिन्न हिस्सों में कितनी विविधता है.
शनिवार और रविवार को भारतीय टीम को जो पिचें प्रैक्टिस के लिए दी गईं, वे काफी पुरानी और इस्तेमाल की हुई थीं. इस वजह से भारतीय तेज गेंदबाजों जैसे जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, और आकाश दीप को मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
इस गाने ने न केवल सोशल मीडिया पर धूम मचाई, बल्कि इसके बाद पंजाब में धर्मांतरण के मुद्दे पर भी एक नया विमर्श शुरू हो गया है. यह कहानी केवल एक गाने तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह उन सामाजिक और धार्मिक परिवर्तनों का सिंबल भी बनता जा रहा है कि जो पंजाब और कुछ अन्य हिस्सों में चल रहे हैं.
नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा का उद्देश्य केवल राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत करना नहीं है, बल्कि इसके जरिए वह बिहार की सियासत के ताने-बाने को भी समझना चाहते हैं. नीतीश कुमार को राजनीति का एक माहिर खिलाड़ी माना जाता है.
अभिजीत ने कहा, "आरडी बर्मन महात्मा गांधी से बड़े थे. वे म्यूजिक के राष्ट्रपिता थे. इसके बाद उन्होंने गांधी जी को लेकर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा, "महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता नहीं थे, वे पाकिस्तान के राष्ट्रपिता थे. भारत तो पहले से ही भारत था, पाकिस्तान को बनाया गया था. गलती से गांधी जी को यहां का राष्ट्रपिता बना दिया गया."
कुमार विश्वास हाल ही में मेरठ महोत्सव में शामिल होने पहुंचे थे, और वहां पर उन्होंने जो बयान दिया, वह सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
भारत और कुवैत के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध हैं. कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.47 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है.
अब मुन्ना शुक्ला के नेतृत्व में शुक्ला परिवार ने फिर से बदला लेने की योजना बनाई, और इस बार मुन्ना के साथ सूरजभान सिंह, श्रीप्रकाश शुक्ला, और राजन तिवारी जैसे खतरनाक बाहुबलियों की टीम थी. इन सब ने मिलकर एक ताकतवर गठबंधन बनाया, और बदला लेने का सिलसिला फिर से शुरू हो गया.
अगर आप सोच रहे हैं कि मेट्रो के जरिए शराब ले जाएं, तो यह भी आसान नहीं है. मेट्रो में शराब की केवल दो सील बंद बोतलें ही ले जाने की अनुमति है. इन बोतलों का सील बंद होना जरूरी है, क्योंकि खुली बोतल की अनुमति नहीं है.
1857 से पहले लक्ष्मण गंज क्षेत्र हिंदू बहुल था, अब मुस्लिम आबादी का गढ़ बन चुका है. स्थानीय निवासियों के मुताबिक, यहां पहले एक भव्य रानी की बावड़ी हुआ करती थी.