राकेश कुमार

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राकेश कुमार विस्तार न्यूज़ में वरिष्ठ उप संपादक सह संवाददाता के पद पर हैं. यहां वो डेटा स्टोरीज, एक्सप्लेनर के अलावा इन डेप्थ खबरों पर काम करते हैं. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल कर चुके राकेश को रिसर्च में इंटरेस्ट है. इन्हें राजनीति के अलावा बिजनेस, मनोरंजन और लीगल न्यूज स्टोरीज पर काम करना पसंद है. काम के इतर बात करें, तो राकेश को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है. पूर्व में राकेश सहारा समय नेशनल न्यूज़ चैनल, फीवर FM, APN न्यूज़ और भारत एक्सप्रेस जैसे संस्थानों से जुड़े थे.

Kalyan Banerjee On Jyotiraditya Sindhia

सिंधिया को ‘लेडी किलर’ कहकर कल्याण बनर्जी ने मचाया हंगामा, BJP सांसदों ने की सस्पेंड करने की मांग

यह विवाद और बढ़ा जब कल्याण बनर्जी ने अपनी टिप्पणी पर माफी मांगी. हालांकि, सिंधिया ने उनकी माफी को स्वीकार नहीं किया. सिंधिया ने कहा, "आपने देश की महिलाओं का अपमान किया है. हम यहां राष्ट्र निर्माण में योगदान देने आए हैं, न कि व्यक्तिगत टिप्पणियां करने."

Message Traceability Rule

TRAI का नया मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम लागू, मोबाइल यूजर्स पर क्या होगा असर? जानें सबकुछ

TRAI के इस नियम के तहत, अब टेलीकॉम कंपनियों को हर संदेश की पूरी चेन के बारे में जानकारी रखनी होगी. इसका मतलब है कि यदि कोई संदेश किसी यूजर के मोबाइल पर आता है, तो उस संदेश का पूरा ट्रैकिंग डेटा टेलीकॉम ऑपरेटर के पास होगा.

Atul Subhash Suicide Case

अतुल सुभाष की मौत के बाद #MenToo ट्रेंड, सोशल मीडिया पर लोगों का फूटा गुस्सा, बोले- भारत में पुरुष होना अब अपराध

अतुल के वीडियो में उन्होंने खुलासा किया कि उनकी पत्नी और सास ने उन्हें मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया था. उनका कहना था कि उनकी पत्नी और सास दोनों ने मिलकर उन्हें इस हद तक परेशान किया कि वह आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं देख पा रहे थे.

गिरिराज सिंह

गिरिराज सिंह से ओवैसी की मुलाकात, दल-बल के साथ तस्वीरों में मुस्कान! सोशल मीडिया पर कमेंट्स की झड़ी

ओवैसी ने इस मुलाकात के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि यह एक दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल था, जिसने कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह से मालेगांव के पावरलूम उद्योग की समस्याओं को लेकर विस्तार से चर्चा की.

प्रतीकात्मक तस्वीर

सहेली के प्यार में पागल लड़की, घरवालों के विरोध के बावजूद शादी के लिए अड़ीं… अमरोहा की अनोखी प्रेम कहानी

यहां से कहानी एक नई दिशा में मुड़ती है. दोनों लड़कियों ने एक साथ रहने और शादी करने का फैसला किया. उनका कहना था कि वे एक-दूसरे के बिना जी नहीं सकतीं और समाज की परवाह किए बिना अपने रिश्ते को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने के लिए तैयार हैं.

राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल

दिल्ली में AAP ने कांग्रेस को क्यों दिखाया ठेंगा? पवार के घर बैठक में ही लिखी गई थी स्क्रिप्ट, समझिए केजरीवाल के बयान की इनसाइड स्टोरी

यहां पर यह भी ध्यान देना जरूरी है कि AAP ने दिल्ली में कांग्रेस के वोट को तोड़ा था और यही उसकी राजनीतिक सफलता का कारण बना था. इसलिए, AAP किसी भी तरह से कांग्रेस के साथ गठबंधन करके अपने वोट को बंटने का खतरा नहीं लेना चाहती.

Supreme Court

“महिलाओं की सुरक्षा के लिए बना, लेकिन हो रहा गलत इस्तेमाल…”, क्या है दहेज कानून, जिस पर सुप्रीम कोर्ट भी चिंतित?

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि दहेज उत्पीड़न के मामलों में अदालतों को न केवल कानून का सही तरीके से पालन करना चाहिए, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी तरह से दहेज कानून का दुरुपयोग न हो.

सृष्टि के रचयिता ब्रह्म देव

कैसे हुई थी सृष्टि के रचयिता ब्रह्म देव की उत्पत्ति? विस्तार से जानिए पौराणिक कथा

पात्र) धारण करते हैं. ब्रह्मा ने सबसे पहले चार पुत्रों—सनक, सनंदन, सनातन और सनतकुमार की रचना की. इन चारों पुत्रों को उनके शरीर से उत्पन्न किया. यह चारों पुत्र न केवल ब्रह्मा के रचनात्मक कार्य में सहयोगी बने, बल्कि वे अपनी तपस्या और ज्ञान से ब्रह्मा के अनुयायी भी बने.

सुनील पाल

क्या सुनील पाल ने खुद ही रची थी किडनैपिंग की साजिश? पुलिस ने किया चौंकाने वाला खुलासा

इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत उस वक्त हुई जब सुनील पाल का अचानक गायब होने और फिर उनकी ओर से अपहरण की सूचना दी गई. खबरें आईं कि किडनैपर्स ने उन्हें 20 लाख रुपये की फिरौती के लिए पकड़ लिया था, और बाद में 7.5 लाख रुपये के बाद उन्हें छोड़ दिया था.

Atul Subhash Suicide Case

2 साल में 120 तारीखें, 3 करोड़ की डिमांड और फिर खो गई जिंदगी…रुला देगी अतुल सुभाष की दर्दनाक कहानी

ऐसा ही कुछ हुआ बेंगलुरू के 34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष के साथ. अतुल का मामला एक उदाहरण बन गया है. उनकी दुखद कहानी यह साबित करती है कि कैसे कानून की प्रक्रिया में अनावश्यक देरी और गलत आरोपों का सामना करने वाले व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से तबाह कर सकता है.

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