जैसे ही सोमवार-मंगलवार की मध्यरात्रि में जैसे ही 12 बजे. वैसे ही पूरा शहर भगवान श्रीकृष्ण भक्ति में डूब गया. भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई गईं. विद्युत साज-सज्जा से सजे इस्कॉन मंदिरों सहित सभी श्रीकृष्ण मंदिरों में लड्डू गोपाल का स्वागत किया गया.
राहुल गांधी ने कहा,"ये शर्मनाक किसान विरोधी बयान पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सहित पूरे देश के किसानों का घोर अपमान है, जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है."
'इमरजेंसी' में अनुपम खेर, महिमा चौधरी, मिलिंद सोमन, श्रेयस तलपड़े, विशाक नायर और दिवंगत सतीश कौशिक जैसे कई बेहतरीन कलाकार हैं.
कृष्ण कन्हैया को राजस्थानी गोटा पट्टी के साथ नए रेशमी कपड़े से बने पीले वस्त्र पहनाए गए. रात में जन्म के समय गोविंद देव जी को 31 तोपों की सलामी दी गई.
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने गठबंधन को अपना समर्थन देने की घोषणा की है. जम्मू में जनाधार रखने वाली बीजेपी इस क्षेत्र में अकेले चुनाव लड़ रही है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा तैयार की गई एक हालिया रिपोर्ट में 16 मौजूदा सांसदों और 135 मौजूदा विधायकों ने अपने चुनावी हलफनामों में कबूल किया है कि उनके खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं, जिनमें से कई पर बलात्कार, एसिड अटैक, महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसे गंभीर अपराध के आरोप हैं.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के 90 सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान तीन चरणों में होगा. चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे. चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
श्रीमद्भागवत में भगवान कृष्ण के जन्म के बारे में कई कहानियां हैं. ऐसा कहा जाता है कि भगवान को उनके बाल रूप में देखना सबसे दुर्लभ घटना है और यहां तक कि देवता भी उस रूप को देखने के लिए युगों तक प्रतीक्षा करते हैं. एक लोकप्रिय कहानी है जब भगवान शिव ने एक तपस्वी का रूप धारण किया और गोकुल पहुंचे ताकि वे भगवान कृष्ण की एक झलक पा सकें.
कंगना ने एक्स पर एक वीडियो साझा किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि अब निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध के दौरान "लाशें लटक रही थीं और बलात्कार हो रहे थे".
Shagun Parihar: अनिल परिहार किश्तवाड़ की राजनीति में तब भी एक्टिव थे, जब आतंकवाद जम्मू-कश्मीर में चरम-सीमा पर था. बीजेपी के नेताओं को जब नब्बे के दशक में जब डोडा बचाओ आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था, तब भी अनिल परिहार बीजेपी से जुड़े हुए थे.