Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी (CM Yogi) ने संभल जिले में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा को लेकर विधानसभा में बड़ा बयान दिया. उन्होंने संभल के दंगों के इतिहास गिनाए और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी. योगी ने कहा कि जिन लोगों ने पत्थरबाज़ी की है, वे […]
एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक महिला डॉगी का दूध पीती नजर आ रही है. यह वीडियो न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि इंटरनेट पर बहस का बड़ा मुद्दा बन गया है.
जून में भी प्रियंका ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी और उनकी सरकार पर बर्बरता का आरोप लगाया था. उनका यह बयान नेतन्याहू के अमेरिकी कांग्रेस को दिए गए उस भाषण के बाद आया था, जिसमें उन्होंने गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई को सही ठहराया था.
उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि INDIA गठबंधन में कई साथी दलों में यह असंतोष है कि कांग्रेस अपने नेतृत्व को साबित नहीं कर पा रही है.
भारत के मशहूर तबला वादक, संगीतज्ञ और विश्व प्रसिद्ध कलाकार ज़ाकिर हुसैन अब दुनियां को अलविदा कह चुके हैं, जिन्हें उनकी अनूठी कला और अद्भुत शैली के लिए जाना जाता है.
निर्मला सीतारमण ने कहा, "मैं ऐसे राजनीतिक नेताओं को जानती हूं जिन्होंने उन काले दिनों को याद करने के लिए अपने बच्चों का नाम MISA के नाम पर रखा है और अब उन्हें उनके साथ गठबंधन करने में भी कोई आपत्ति नहीं होगी."
यह मामला एक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के बाद सामने आया, जिसमें कहा गया था कि यमुना एक्सप्रेसवे के बर्ड सेंचुरी क्षेत्र में बिल्डर्स को कुछ नियमों के तहत विशेष लाभ मिलना चाहिए था. लेकिन, आरोप ये हैं कि कुछ बिल्डर्स को फायदा मिला, जबकि अन्य को नकार दिया गया.
Nehru's Letter: पूर्व पीएम के बहाने बीजेपी ने एक बार कांग्रेस, सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर हमला बोला है. दरअसल, पीएम म्यूजियम से जुड़े एक इतिहासकार रिजवान कादरी ने राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है.
यह कहानी एक ऐसी जिद्द, वीरता और नेतृत्व की है, जिसने दुनिया को चौंका दिया. इस युद्ध के नायक भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, और भारतीय कूटनीति के बहादुर सैनिक थे. साथ ही, इस युद्ध की प्रमुख भूमिका निभाने वाली नेत्री थीं – तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी.
मंत्रियों के विभागों का बंटवारा फिलहाल नहीं हुआ है, लेकिन कैबिनेट के स्वरूप में स्पष्ट रूप से यह देखा जा सकता है कि महायुति ने गठबंधन धर्म निभाने के साथ-साथ अनुभवी और युवा नेताओं के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश की है.