इसके विपरीत, मुस्लिम संगठनों और कुछ धर्मनिरपेक्ष दलों का यह कहना है कि इस कानून को समाप्त करने से धार्मिक सौहार्द बिगड़ेगा. जमीयत उलमा-ए-हिंद ने इसे भारत की धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण बताया है.
SC: गुरुवार को प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार से 4 हफ्ते में अपना पक्ष रखने को कहा है.
Today Weather Update: IMD ने अगले 5 दिनों के दौरान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, दिल्ली-NCR, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा-चंडीगढ़, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बिहार झारखंड और उससे सटे मध्य भारत में शीत लहर चलने की स्थिति बन रही है.
Atul Subhash Suicide: अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड से पहले करीब डेढ़ घंटे के वीडियो में अपनी पत्नी और ससुराल वालों को इसका जिम्मेदार बताया है. अब इस मामले की जांच करने के लिए बेंगलुरु पुलिस की एक टीम जौनपुर पहुंच गई है.
यह विवाद और बढ़ा जब कल्याण बनर्जी ने अपनी टिप्पणी पर माफी मांगी. हालांकि, सिंधिया ने उनकी माफी को स्वीकार नहीं किया. सिंधिया ने कहा, "आपने देश की महिलाओं का अपमान किया है. हम यहां राष्ट्र निर्माण में योगदान देने आए हैं, न कि व्यक्तिगत टिप्पणियां करने."
TRAI के इस नियम के तहत, अब टेलीकॉम कंपनियों को हर संदेश की पूरी चेन के बारे में जानकारी रखनी होगी. इसका मतलब है कि यदि कोई संदेश किसी यूजर के मोबाइल पर आता है, तो उस संदेश का पूरा ट्रैकिंग डेटा टेलीकॉम ऑपरेटर के पास होगा.
अतुल के वीडियो में उन्होंने खुलासा किया कि उनकी पत्नी और सास ने उन्हें मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया था. उनका कहना था कि उनकी पत्नी और सास दोनों ने मिलकर उन्हें इस हद तक परेशान किया कि वह आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं देख पा रहे थे.
ओवैसी ने इस मुलाकात के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि यह एक दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल था, जिसने कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह से मालेगांव के पावरलूम उद्योग की समस्याओं को लेकर विस्तार से चर्चा की.
यहां से कहानी एक नई दिशा में मुड़ती है. दोनों लड़कियों ने एक साथ रहने और शादी करने का फैसला किया. उनका कहना था कि वे एक-दूसरे के बिना जी नहीं सकतीं और समाज की परवाह किए बिना अपने रिश्ते को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने के लिए तैयार हैं.
यहां पर यह भी ध्यान देना जरूरी है कि AAP ने दिल्ली में कांग्रेस के वोट को तोड़ा था और यही उसकी राजनीतिक सफलता का कारण बना था. इसलिए, AAP किसी भी तरह से कांग्रेस के साथ गठबंधन करके अपने वोट को बंटने का खतरा नहीं लेना चाहती.