Maharashtra: 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की राजनीति में बहुत कुछ बदल चुका है. 2019 में साथ मिलकर चुनाव लड़ीं भाजपा और शिवसेना को नतीजों में बहुमत मिला, लेकिन मुख्यमंत्री के मुद्दे पर दोनों दलों का गठबंधन टूट गया.
Election Commission: इन तारीखों के ऐलान के दौरान चुनाव आयुक्त ने EVM से जुड़े सवालों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हरियाणा चुनाव में ईवीएम को लेकर जो शिकायतें आई हैं उसका हम जवाब देंगे.
अब जैसे-जैसे चुनावों की तारीखें नजदीक आ रही हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग और राजनीतिक दल इस पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वे इस पर एक प्रभावी समाधान निकाल पाएंगे.
बीजेपी के इस चुनावी पहल ने अब सभी की नजरें इस बात पर लगा दी हैं कि आखिर कौन बनेगा पार्टी का नया अध्यक्ष. इस प्रक्रिया से न केवल पार्टी के आंतरिक संगठन में मजबूती आएगी, बल्कि यह आगामी चुनावों में बीजेपी की रणनीतियों को भी प्रभावित कर सकता है.
इस साल के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी ने वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली दोनों सीटों पर चुनाव लड़ा था. उन्होंने दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन वायनाड सीट को छोड़ने का निर्णय लिया और रायबरेली से सांसद बने रहने का फैसला किया.
BY Election Date: यूपी की बात करें तो जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी, मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट शामिल हैं.
चुनाव आयोग ने झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है. झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को समाप्त होगा, जबकि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है.
Maharashtra-Jharkhand Assembly Elections: महाराष्ट्र में एक और झारखंड में 5 फेज में वोटिंग की संभावना है. महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को, वहीं झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है.
Baba Siddique Murder Case: बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं. पुलिस हत्या के कारण तलाशने में जुटी हुई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि एसआरए रिडेवलपमेंट का मामला भी उनकी हत्या का कारण हो सकता है.
हाजी मस्तान का नाम अंडरवर्ल्ड के पहले डॉन के रूप में लिया जाता है. 1950 से 1970 के दशक तक मुंबई में सक्रिय रहा. उसका प्रभाव इतना था कि कई बड़े फिल्म निर्माता और अभिनेता उसके करीबी मित्र बन गए. मस्तान ने अंडरवर्ल्ड के व्यवसाय को एक नया मोड़ दिया और इसे एक बड़े स्तर पर स्थापित किया. उनके बाद करीम लाला का नाम आया, जो पठान गैंग का प्रमुख था.