Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में उन्हें ईडी और सीबीआई दोनों की तरफ से दर्ज केस में जमानत मिली है. केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को भी चुनौती दी थी लेकिन इस पर बेंच की अलग-अलग राय थी.
इस मिशन का उद्देश्य सिर्फ अंतरिक्ष की अनजान सीमाओं को पार करना नहीं था, बल्कि यह भी दिखाना था कि आम नागरिक भी अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छू सकते हैं. गिलिस और आइसैकमैन का स्पेसवॉक निजी अंतरिक्ष यात्रा की दुनिया में एक नया मील का पत्थर साबित हुआ है.
विपक्ष का कहना है कि यह आयोजन न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरे में डाल सकता है, जबकि भाजपा का कहना है कि यह सब एक साधारण धार्मिक परंपरा है. भाजपा का कहना है कि विपक्ष इस मुद्दे को हवा देकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहता है.
लोग कह रहे हैं कि यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री हर नागरिक और खिलाड़ी का सम्मान करते हैं, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या परिस्थितियां कैसी भी हों. यह कदम दिव्यांग खिलाड़ियों के प्रति देश के सम्मान और समर्थन को भी दिखाता है.
इस बीच, बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा है कि उन्होंने कोलकाता के रेप-मर्डर केस में दोषियों को बचाने की कोशिश की है. बीजेपी के नेताओं ने ममता बनर्जी से आग्रह किया है कि वे इस मामले की पूरी जिम्मेदारी लें और अपने पद से इस्तीफा दें.
मुफ्ती मोहम्मद शफी कासमी (कल्याण समिति के सदस्य) ने बताया कि मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने की अनुमति के लिए नगर आयुक्त से अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा, “हमने यह निर्णय शांति और भाईचारे को बनाए रखने के उद्देश्य से लिया है. हमें उम्मीद है कि इससे क्षेत्र में तनाव कम होगा और समुदाय के बीच सहयोग बढ़ेगा.”
उनके निधन पर कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके साथ बिताए गए दिनों को याद किया. येचुरी की वैचारिक स्थिरता और उनके समर्पण ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया था.
उस समय येचुरी जेएनयू में पढ़ रहे थे.उन्होंने आपातकाल का विरोध करने के लिए संयुक्त छात्र महासंघ बनाया था. संगठन के बैनर तले येचुरी ने आपातकाल के खिलाफ इंदिरा के घर तक विरोध मार्च भी निकाला था.जब इंदिरा ने विरोध का कारण पूछा तो येचुरी ने ज्ञापन पढ़ना शुरू कर दिया.
इस पूरे मामले को लेकर यूपी पुलिस अपने रुख पर कायम है. पुलिस का कहना है कि सभी गिरफ्तारियां और एनकाउंटर कानून के अनुसार और साक्ष्यों के आधार पर किए गए हैं.
1952 में चेन्नई में जन्मे सीताराम येचुरी का जुड़ाव वामपंथी विचारधारा से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान हुआ. आपातकाल के समय जेल भी गए और तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए.