रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, ‘बतौर महिला, मैं कंगना का सम्मान करता हूँ लेकिन वह संसद में रहने के योग्य नहीं हैं. वह शिक्षित नहीं हैं और लोगों के बारे में नहीं सोचती हैं. उनको महिलाओं के बारे में सूचना चाहिए.’
प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करते हुए, अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस तीन मार्गों मेरठ-लखनऊ; मदुरै-बेंगलुरु और चेन्नई-नागरकोइल पर कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी.
अखिलेश ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी बढ़ी है लेकिन इस पर नहीं बोलेंगे, लेकिन इनको केवल लाल रंग दिख रहा है.
असम सरकार के इस फैसले के बाद AIUDF नेता अमीनुल इस्लाम ने कहा, "हम बाल विवाह के खिलाफ हैं. सरकार पिछले अधिनियम में कुछ प्रावधानों में संशोधन कर सकती थी, लेकिन उन्होंने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम और नियम, 1935 को निरस्त कर दिया."
चंपई सोरेन का राज्य में बड़ा रसूख है. आदिवासी नेता चंपई सोरेन की पकड़ राज्य की राजनीति में ऐसी है कि हेमंत सोरेन जब गिरफ्तार हुए तो कहा जा रहा था कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन सीएम बनेंगी, लेकिन उन्होंने बाजी मार ली.
पीएम मोदी ने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे लिए सिर्फ एक नाम नहीं हैं. आज मैं अपने भगवान छत्रपति शिवाजी महाराज से सिर झुकाकर माफी मांगता हूं. हमारे मूल्य अलग हैं, हम वो लोग नहीं हैं जो भारत माता के महान सपूत, इस भूमि के सपूत वीर सावरकर को गाली देते रहें और उनका अपमान करते रहें."
आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शरद पवार ने अलग-अलग जिलों का दौरा शुरू कर दिया है. कुछ महीने पहले, जब सड़क पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले को काले झंडे दिखाए थे, तब पवार ने भूख हड़ताल स्थल पर मनोज जारांगे पाटिल से मुलाकात की थी.
सात दिन पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को लिखा था, "इस प्रवृत्ति को देखना भयावह है. यह समाज और राष्ट्र के आत्मविश्वास और विवेक को हिला देता है. इसे समाप्त करना हमारा परम कर्तव्य है ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस करें.
Maharashtra News: छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को पुलिस ने हिरासत में लिया. उन्हें कोल्हापुर से हिरासत में लिया गया था. सिंधुदुर्ग पुलिस में दर्ज FIR में उनका नाम शामिल था.
जस्टिस ने कहा, "एक राजनीतिक दल के विधायी प्रमुख और भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप पार्टी, पदाधिकारियों और संबंधित पार्टी के सदस्यों की छवि पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं और यह व्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं है क्योंकि यह चुनावी प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है."