पीएम नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया. पीएम मोदी ने कहा, "रतन टाटा का सबसे अनूठा गुण था बड़े सपने देखना और समाज को कुछ लौटाने की उनकी इच्छा. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पशु कल्याण जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया."
Ratan Tata Passes Away: रतन टाटा की विरासत और उनकी उपलब्धियों के साथ-साथ उनके उत्तराधिकारियों की संभावनाएं भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं. क्या नए नेता इस प्रतिष्ठित समूह को आगे बढ़ा पाएंगे?
Ratan Tata: रतन टाटा ने 1962 में टाटा समूह में काम करना शुरू किया. इससे पहले उन्होंने कई कंपनियों में काम किया था. वे कॉर्नेल से आर्किटेक्चर में डिग्री प्राप्त कर चुके थे और लॉस एंजेलिस में जोंस और एमन्स के साथ काम किया था.
Ratan Tata Passes Away: रतन टाटा के कई संभावित उत्तराधिकारी बताए जाते रहे हैं. फ़िलहाल, नोएल टाटा की चर्चा काफ़ी है. नोएल रतन टाटा के सौतेले भाई हैं. वो नवल टाटा की दूसरी पत्नी सिमोन से जन्में बेटे हैं.
Ratan Tata: बुधवार की शाम को रतन टाटा की तबीयत ज़्यादा ख़राब होने की बात सामने आई. इसके कुछ देर बाद ये ख़बर मिली की वो अब इस दुनिया में नहीं रहे. उनके अलविदा कहने का ग़म आज हर भारतीय महसूस कर रहा है.
रतन टाटा को उनकी विनम्रता और मानवीय मूल्यों के लिए याद किया जाएगा. वे हमेशा समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील रहे. उनकी विचारधारा यह थी कि व्यापार केवल मुनाफा कमाने का साधन नहीं, बल्कि समाज के उत्थान का एक माध्यम होना चाहिए.
पवन खेड़ा ने बताया कि मतगणना के दिन कुछ मशीनें 99% पर थीं, जबकि अन्य मशीनें सामान्यत: 60-70% पर थीं. हमने मांग की है कि इन मशीनों को जांच पूरी होने तक सील कर दिया जाए. हम अगले 48 घंटों में और शिकायतें पेश करेंगे.”
नतीजों के बाद, कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसे "तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार" करार दिया.
Haryana Assembly Election 2024: राज्य के इतिहास में यह पहली बार होगा जब कोई पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी. 2014 और 2019 विधानसभा चुनाव के बाद अब 2024 में भी पार्टी को प्रचंड जनादेश मिला है.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आरएसएस की सलाह पर ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं से जुड़ने की कोशिश की. सैनी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र लाडवा में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया और खाप और पंचायत नेताओं से मिलकर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया.