Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु वन भैंसों की संख्या बढ़ने की संभावना! इंद्रावती टाइगर रिजर्व के ट्रैप कैमरे में कैद हुआ बड़ा झुंड
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की राजकीय पशु वन भैंसो की झुंड की तस्वीर टाइगर रिजर्व पार्क में लगे ट्रैप कैमरे में कैद हुई है, जिससे अब इस पार्क में 6 बाघ के साथ ही 15 से अधिक की संख्या में वन भैंसों की होने की पुष्टि हुई है. दरअसल इस टाइगर रिजर्व में बड़ी संख्या में ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं और हाल ही में इस कैमरे में वन भैंसे के झुंड की तस्वीर कैद हुई है.
वहीं अब राजकीय पशु वन भैंसों की मैपिंग की जा रही है, खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ के केवल दो ही ऐसे टाइगर रिजर्व है जिनमें वन भैसा दिखने की पुष्टि हुई है, इनमें एक उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व और दूसरा छत्तीसगढ़ के बीजापुर में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व पार्क है, इतनी बड़ी संख्या में वन भैंसों के दिखने के बाद अब वाइल्ड लाइफ के द्वारा वन भैंसों के संरक्षण के लिए मैपिंग का काम किया जाएगा, मैपिंग के जरिये वन भैंसों के ठिकाने का पता लगाया जाएगा ताकि इस पार्क में कितने वन भैंसा है उसकी गणना की जा सके और उनके संरक्षण पर कार्य किया जा सके.
इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 15 से अधिक वन भैंसे होने की पुष्टि
दरअसल राजकीय पशु वन भैंसो की संख्या को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है. इसके साथ राज्य में फीमेल वन भैसा की संख्या न के बराबर थी. इस लिए वन विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ था. पर इस लिए ट्रैप कैमरे में कैद तस्वीर वन विभाग और राज्य के लिए खुशी की बात है. क्योंकि इंद्रावती टाइगर रिजर्व में फीमेल वन भैंसा की मौजूदगी है. बस्तर वाइल्ड लाइफ के मुख्य वन संरक्षक राकेश कुमार पांडे ने बताया कि छत्तीसगढ़ के दो टाइगर रिजर्व पार्क में वन भैंसों को देखे जाने की पुष्टि हुई है, उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व पार्क में 6 मेल वन भैंसा मौजूद है और इंद्रावती टाइगर रिजर्व में 15 से अधिक वन भैंसे होने की पुष्टि हुई है ,जिनमें मेल और फीमेल दोनों है.
वन भैंसों के लोकेशन का जिओ मैपिंग किया जाएगा
इंद्रावती टाइगर रिजर्व में इन वन भैसों का विचरण इलाका स्पष्ट नहीं है , क्योंकि इंद्रावती टाइगर रिजर्व का क्षेत्र महाराष्ट्र राज्य से भी लगा हुआ है, वन भैंसों की रहवास को लेकर पुख्ता जानकारी के लिए वाइल्डलाइफ द्वारा एक प्रोजेक्ट बनाया गया है, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों की मदद ली जा रही है ,और इसके लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षित भी किया गया है, इन ग्रामीणों को पार्क एरिया या उससे बाहर वन भैंसा देखे जाने पर उनके फोटो खींचकर इनकी संख्या की भी गणना करने के आदेश दिये गए है. ताकि इस पर लोकेशन के जरिए जिओ मैपिंग किया जाएगा, जिससे पता चल पाएगा कि इन वन भैसों का विचरण क्षेत्र कहां से कहां तक है और कौन सी अवधि पर वनभैंसा इंद्रावती टाइगर रिजर्व पार्क के में रहते हैं.
मेल और फीमेल वन भैंसा उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा
इसके अलावा मुख्य वन संरक्षक़ वाइल्ड लाइफ राकेश पांडे ने बताया कि जिओ मैपिंग करने के बाद इस रिजर्व पार्क से 2 वन भैंसा जिसमे एक मादा और और नर वन भैंसा को उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा, इसके अलावा इंद्रावती टाइगर रिजर्व में वन भैंसा के सरंक्षण के लिए कार्य किया जाएगा ,साथ ही गर्मी के मौसम को देखते हुए रिजर्व पार्क एरिया में इन पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था के लिए छोटे-छोटे तालाब और डैम का निर्माण भी किया जाएगा.