Bijapur: ‘लाल आतंकियों’ को बड़ा झटका, मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर ने परिवार समेत किया सरेंडर

Bijapur: बीजापुर में नक्सलियों के गंगालूर एरिया कमेटी के सचिव व DVCM दिनेश मोडियम ने पत्नी और बच्चे के साथ सरेंडर किया है.
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नक्सली कमांडर ने किया सरेंडर

Bijapur: छत्तीसगढ़ में लाल आतंक पर लगातार प्रहार किया जा रहा है. वहीं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही नीतियों से प्रभावित होकर नक्सली बड़ी संख्या में सरेंडर कर रहे है. इसी बीच बीजापुर में नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है. यहां मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर दिनेश मोडियम ने परिवार सहित सरेंडर किया है.

मोस्ट वांटेड नक्सली दिनेश मोडियम ने किया सरेंडर

बीजापुर में नक्सलियों के गंगालूर एरिया कमेटी के सचिव व DVCM दिनेश मोडियम ने पत्नी और बच्चे के साथ सरेंडर किया है.

30 साल से नक्सलियों से जुड़ा दिनेश

करीब 30 साल पहले बाल संघम सदस्य के रूप में संगठन से जुड़ा था दिनेश मोडियम और तकरीबन बीते 20 साल से अधिक समय से गंगालूर क्षेत्र में जितनी भी छोटी बड़ी वारदातें हुई हैं, दिनेश लगभग सभी वारदातों में शामिल रहा है.

100 से ज्यादा कि हत्याएं

इसमें 100 से ज़्यादा हत्याओं का मास्टर माइंड है. इसके अलावा सबसे अधिक ज़रूरी बात ये कि नक्सलियों की यूनिवर्सिटी गंगालूर क्षेत्र का सबसे खतरनाक प्रोफेसर है दिनेश, चप्पे चप्पे से वाकिफ और बेहद शातिर. इस अकेले ने गंगालूर क्षेत्र से कम से कम 500 से अधिक बच्चों, किशोरों, युवाओं को नक्सल संगठन से जोड़ा और कईयों को नक्सलवाद से जुड़ने के लिए उत्प्रेरित भी किया.

सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव के चलते किए सरेंडर

दिनेश जैसे नक्सली कमांडर के आत्मसमर्पण से गंगालूर क्षेत्र में नक्सलियों को अब तक का सबसे बड़ा झटका मिलेगा, यह सरेंडर माओवादियों की छाती पर कील साबित होती है. दिनेश का सरेंडर साफतौर पर बताता है कि अब नक्सलियों में वो ताकत बची ही नहीं रह गई है कि वे लड़ने या तथाकथित खोखली क्रांति को ज़िंदा रख सकने की स्थिति में हैं.
दिनेश मोडियम वो नक्सली है, जिसे मारने के लिए कईयों बार ऑपरेशन प्लान किए गए थे लेकिन दिनेश की छापामार रणनीति इतनी अधिक मजबूत रही है कि वह हर एक ऑपरेशन, हर एक एनकाउंटर में सुरक्षित बच ही गया और अब जबकि जवानों ने साबित कर दिया है. मार्च 2026 तक नक्सलियों को खेतों में छिपने वाले चूहों की तरह ढूंढ ढूंढकर मार दिया जायेगा तब दिनेश मोडियम ने देखा होगा कि अब उसके पास ज़िंदा बचे रहने का सिर्फ एक रास्ता है कि वह सरेंडर कर दे.
दिनेश का ये सरेंडर, पूरे नक्सलवाद को चौंकाने, उसे बेइंतहां कमज़ोर कर देने और जवानों की बहुत बड़ी सफलता दिलाने वाला सरेंडर साबित होता है.

इस सरेंडर के मायने बेहद साफ हैं कि अब नक्सली ख़ुद को बचा पाने की स्थिति में भी नहीं बचे रह गए हैं बहुत बड़ी उम्मीद की जा सकती है कि दिनेश के सरेंडर के बाद सैकड़ों सरेंडर भी जल्द देखने को मिल सकते हैं.

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लाल आतंक पर प्रहार जारी

एक तरफ जहां नक्सली बड़ी संख्या में सरेंडर कर रहे हैं, वहीं शनिवार को सुकमा जिले में सुरक्षाबल के जवान और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई. जिसमें 2 नक्सली ढेर हो गए. मारे गए नक्सलियों की पहचान ACM कैडर के नक्सलियों के रूप में हुई.

10 लाख के ईनामी नक्सली हुए ढेर

सुकमा मुठभेड़ में मारे गए 2 दोनों नक्सलियों शिनाख्यात हुई. मारे गए नक्सलियों में 1 पुरुष नक्सली पोडियाम हड़मा और 1 महिला नक्सली सोढ़ी लिंगे जो ACM कैडर के रूप में पहचान हुई. दोनों नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपए का ईनाम था.

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