कौन होगा छत्तीसगढ़ BJP का नया प्रदेश अध्यक्ष? जानें अब तक का इतिहास
CG News (रवि मिरी): छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी चल रही है. लेकिन इससे पहले BJP का संगठन चुनाव होना है. BJP ने छत्तीसगढ़ में जिला अध्यक्षों का चुनाव पूरा कर लिया है. अब प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की बारी है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि BJP प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी अब किरण सिंह देव के बदले किसी और को सौंपी जा सकती है. गलियारों में इसी की खर्चा हो रही है…इसलिए आज इसपर विस्तार से बात करेंगे…?
BJP सदस्यता अभियान
छत्तीसगढ़ में BJP ने पिछले साल सितंबर 2024 में सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान के जरिए प्रदेश में 60 लाख लोगों को पार्टी से जोड़ा गया. इसके बाद बूथ, मंडल और जिला अध्यक्ष का चुनाव कराया गया. पिछले दो दिनों में 34 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी गई है. जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में OBC वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा जिम्मेदारी मिली है.
15 जनवरी के पहले होगा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव
प्रदेश में 15 जनवरी से पहले BJP प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा. दिल्ली से तारीख मिलने के बाद प्रदेश चुनाव अधिकारी विनोद तावड़े चुनाव कराने छत्तीसगढ़ आएंगे. छत्तीसगढ़ में बीजेपी संगठन चुनाव की प्रक्रिया लगातार जारी है.
छत्तीसगढ़ में BJP प्रदेश अध्यक्ष का इतिहास
राज्य गठन के बाद से अब तक 11 लोग BJP प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. इसमें से सबसे बड़ा कार्यकाल मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का रहा है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 3 बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. वह करीब 7 साल अलग-अलग कार्यकाल में प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. दूसरे सबसे अनुभवी प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक हैं. वह दो बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
- राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ BJP के पहले अध्यक्ष स्वर्गीय ताराचंद साहू प्रदेश थे. उनका कार्यकायक 10 जनवरी 2001 से 3 फरवरी 2002 तक था.
- दूसरे प्रदेश अध्यक्ष लखीराम अग्रवाल थे. उनक कार्यकाल 4 फरवरी 2002 से 23 जुलाई 2002 तक था.
- तीसरे प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह थे. उनका कार्यकाल 24 जुलाई 2002 से 19 दिसंबर 2003 तक था.
- चौथे प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार साय थे. उनका कार्यकाल 20 दिसंबर 2003 से 18 नवंबर 2004 तक था.
- पांचवे प्रदेश अध्यक्ष शिवप्रताप सिंह थे. उनका कार्यकाल 19 नवंबर 2004 से 30 अक्टूबर 2006 तक था.
- 6वें प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय थे. उनका कार्यकाल 31 अक्टूबर 2006 से 9 मई 2010 तक था.
- इसके बाद रामसेवक पैंकरा का कार्यकाल 10 मई 2010 से 20 जनवरी 2014 तक था.
- एक बार फिर विष्णु देव साय को जिम्मेदारी मिली. उनका कार्यकाल 21 जनवरी 2014 से 15 अगस्त 2014 तक था.
- इसके बाद धरमलाल कौशिक को जिम्मा सौंपा गया. वह 16 अगस्त 2014 से 2 जनवरी 2016 तक थे.
- एक बार फिर धरमलाल कौशिक प्रदेश अध्यक्ष बने. उनका कार्यकाल 3 जनवरी 2016 से 7 मार्च 2019 तक था.
- उनके बाद विक्रम उसेंडी को जिम्मा मिला है. उनका कार्यकाल 8 मार्च 2019 से 1 जून 2020 तक था.
- एक बार फिर विष्णु देव साय को जिम्मेदारी मिली और वह 2 जून 2020 से 8 अगस्त 2022 BJP प्रदेश अध्यक्ष रहे.
- उनके बाद अरुण साव- 9 अगस्त 2022 से 20 दिसंबर 2023 तक
- वर्तमान में 21 दिसंबर 2023 से किरण सिंह देव प्रदेश अध्यक्ष हैं
क्यों बदले जाएंगे BJP प्रदेश अध्यक्ष?
वर्तमान में विष्णु कैबिनेट में 2 मंत्री पद खाली हैं. इसके अलावा हरियाणा फॉर्मूला के अनुसार 1 और मंत्री बनाया जा सकता है. इस लिहाज से 3 मंत्री पद हो सकते हैं. इसके लिए जगदलपुर विधायक और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव का नाम चर्चा में है. इसलिए कयास लगाए जा रहें है कि प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी और को मिल सकती है.
कौन बन सकता है नया प्रदेश अध्यक्ष?
छत्तीसगढ़ के नए BJP प्रदेश अध्यक्ष की रेस में जो नाम शामिल हैं, उनमें सबसे पहला नाम बिल्हा के वर्तमान विधायक धरमलाल कौशिक का है. धरमलाल कौशिक को संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है. धरमलाल कौशिक पिछड़ा वर्ग से भी आते हैं. दो बार प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं. धरमलाल कौशिक विधानसभा अध्यक्ष भी रह चुके हैं. प्रदेश में जब BJP सत्ता से बाहर हुई तो धरमलाल कौशिक को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था.
दूसरा नाम संतोष पांडे का है. राजनांदगांव लोकसभा से 2 बार से सांसद हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनाव हराया. संतोष पांडे की पहचान हिंदू नेता के नाम से है. सामान्य वर्ग से इनका नाम सबसे आगे है. संघ में संतोष पांडे की अच्छी छवि है. संगठन में भी संतोष पांडे प्रदेश महामंत्री की भूमिका निभा चुके हैं.
तीसरा नाम आदिवासी नेता विक्रम उसेंडी का है. वह कांकेर से सांसद और अंतागढ़ से विधायक रह चुके हैं. इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. इन नामों के अलावा पूर्व विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा, पूर्व विधायक सौरभ सिंह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के नाम की भी चर्चा है.
जातिगत समीकरण
जातिगत समीकरण को देखा जाए तो अबतक ST और OBC वर्ग के ज्यादातर नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई. जब रमन सिंह की सरकार थी तब भी ओबीसी और ST वर्ग के नेताओं को जिम्मेदारी मिली. अब राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री है, तो सामान्य वर्ग या ओबीसी वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का कयास राजनीतिक पंडित लगा रहें हैं.