CG News: छत्तीसगढ़ में बिना पेट्रोल-डीजल के चलेंगी गाड़ियां! कम्प्रेस्ड बायोगैस का होगा इस्तेमाल

CG News: छत्तीसगढ़ में अब कचरे से कम्प्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन कर इसे गाड़ियों को चलाने की प्लानिंग की जा रही है, इसके लिए बाकायदा एमओयू भी साइन किया गया है. छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) द्वारा भिलाई नगर निगम में 100-150 टन प्रतिदिन एमएसडब्ल्यू आधारित कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र की स्थापना की जाएगी.
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AMU किया गया साइन

CG News: छत्तीसगढ़ में अब कचरे से कम्प्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन कर इसे गाड़ियों को चलाने की प्लानिंग की जा रही है, इसके लिए बाकायदा एमओयू भी साइन किया गया है. छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) द्वारा भिलाई नगर निगम में 100-150 टन प्रतिदिन एमएसडब्ल्यू आधारित कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र की स्थापना की जाएगी.

भिलाई में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की होगी स्थापना

भिलाई नगर निगम छत्तीसगढ़ बॉयो फ्यूल विकास प्राधिकरण और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन के बीच त्रिपक्षीय कंसेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किये गए है. आपको बता दे की 13 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डिप्टी सीएम अरूण साव की उपस्थिति में नगर पालिक निगम रायपुर व भिलाई, सीबीडीए और बीपीसीएल के मध्य 2 कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्रों की स्थापना हेतु त्रिपक्षीय एमओयू में साइन किया गया.

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इस एग्रीमेंट के तहत नगर पालिक निगम के ट्रेचिंग ग्राउड जामुल में बीपीसीएल द्वारा स्वयं के निवेश से सीबीजी संयत्र की स्थापना की जायेगी, इससे भिलाई नगर निगम एवं दुर्ग जिले के आसपास के नगर निगमों के लगभग 150 मिट्रिक टन प्रतिदिन नगरीय ठोस अपशिष्ट (एम एस डबल्यू) का उपयोग जैव ईंधन उत्पादन में किया जायेगा. संयंत्र में लगभग 60 करोड़ रुपए की राशि का निवेश शत-प्रतिशत बीपीसीएल द्वारा किया जायेगा, भिलाई निगम के जनसंपर्क अधिकारी अजय शुक्ला ने बताया कि कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र में पूर्ण क्षमता के उत्पादन और विक्रय होने पर प्रतिवर्ष लगभग राशि 1 करोड़ रुपए का जीएसटी प्राप्त होगा संयंत्र में सह उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद से जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा।इसके अलावा संयंत्र की स्थापना से ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में कमी आयेगी तथा पर्यावरण स्वच्छ होगा, सीबीजी के उपयोग से राज्य नेट जीरो एमिशन प्राप्ति की दिशा में अग्रसर होगा. प्लांट बनने से रोजगार में भी बढ़ोतरी होगी.

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