CG News: राहुल गांधी के आने के बाद भी बिलासपुर में हार पर कांग्रेस कर रही समीक्षा, वीरप्पा मोइली भी मौजूद
CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कांग्रेस के लिए आज बड़ा दिन है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी के पदाधिकारी वीरप्पा मोइली बिलासपुर पहुंचे हुए हैं. वह कांग्रेस भवन में कांग्रेसियों से लोकसभा चुनाव में हार को लेकर चर्चा करेंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि कांग्रेसियों के एजेंडे में कई बातें शामिल है, लेकिन सबसे प्रमुख एजेंडा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार होगी. दरअसल, कांग्रेस के लिए सोचने वाली बात यह है कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की 10 सीटों पर उनकी हार हुई और पूरे देश में उनकी स्थिति अच्छी रही.
छत्तीसगढ़ में हुई हार को लेकर इस बात पर मंथन चल रहा है कि आखिर लोगों ने चुनाव में इस बार कांग्रेस को उस तरह से समर्थन क्यों नहीं दिया, जिस तरह से कांग्रेस लोगों के बीच पहुंची. सबसे बड़ी बात यह है कि लोकसभा चुनाव से पहले सांसद प्रत्याशी देवेंद्र यादव के पक्ष में प्रचार करने खुद कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी आए थे, लेकिन उन्हें भी 165000 वोटों से हार मिली. सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी के जिस प्रत्याशी ने देवेंद्र यादव को हराया उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय राज्य मंत्री के तौर पर केंद्र में जगह दे दी है. यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में बिलासपुर की सीट हाई प्रोफाइल हो गई है और लगातार इस सीट पर बड़ी पार्टियों की नजर बनी हुई है. केंद्रीय मंत्री आज बिलासपुर में है इस दौरान इस पर चर्चा होना तय है.
क्या बदले जाएंगे जिला अध्यक्ष?
कांग्रेस हार की समीक्षा तो कर रही है लेकिन बड़ी बात यह है की बदलाव फिलहाल किसी भी स्तर पर नहीं किया गया है. बिलासपुर में जिला और शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वही हैं जिनके दौर में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है. कई विधानसभा क्षेत्रों में भी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को उस तरह से बढ़त नहीं मिल पाई है जिसका अनुमान लगाया गया था. सवाल उठने लगा है कि क्या जिला स्तर पर बदलाव ही आने वाले समय में व्यापक नतीजे ला सकता है या कांग्रेस कोई दूसरी नीति अपनाती है. कुल मिलाकर यह सब कुछ इस बैठक और इसकी बनी रिपोर्ट के आधार पर आगे कांग्रेस की तय होने वाली रणनीति रहेगी.
नए चेहरों पर लग सकता है दांव
कांग्रेस के जानकार बताते हैं कि प्रदेश में कई बड़े स्तर पर बदलाव होने की उम्मीद है. हालांकि अभी इसका खुलासा नहीं किया गया है कि कौन-कौन से चेहरे बदले जाएंगे लेकिन आने वाले समय में यह तय हो जाएगा कि क्या कांग्रेस नए चेहरों पर दांव लगाकर आने वाले चुनाव की तैयारी करेगी या इन्हीं पुराने चेहरों को दिखाकर जनता से वोट देने की अपील करेगी. सबसे बड़ी बात यह है कि आने वाले समय में नगरी निकाय और पंचायत दोनों तरह के चुनाव है यही वजह है कि कांग्रेस फिर से सक्रिय हो गई है और जनता के बीच जाना उनके पदाधिकारी में शुरू कर दिया है.