CG Weather News: छत्तीसगढ़ में पिछले 10 दिनों से रुका मानसून, रायगढ़ व पेंड्रा इलाके में मानसूनी हवाएं भी थमी

CG Weather News: अंबिकापुर मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक एम के भट्ट ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर बना रहा है. इससे मानसून की हवाओं का रफ्तार बढ़ सकता है. वहीं पिछले 10 दिनों से लगातार पश्चिमी विच्छोभ के कारण मानसून की हवाएं आगे नहीं बढ़ पा रही थी.
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CG Weather News: छत्तीसगढ़ में मानसूनी हवाएं एक बार फिर से रायगढ़ और पेंड्रा इलाके में आकर ठहर सी गई है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 24 से 48 घंटे के भीतर बंगाल की खाड़ी में बन रहे लो प्रेशर से मानसूनी हवाएं आगे बढ़ सकती हैं, और सरगुजा संभाग में मानसून पूरी तरीके से सक्रिय हो सकता है.  वहीं इसके बाद मानसून झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के इलाकों में प्रवेश कर जाएगा। बता दें कि पिछले 10 दिनों से मानसून छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया हुआ है लेकिन मानसूनी हवाओं की रफ्तार तेज नहीं हो पा रही है जिसके कारण अभी तक पूरे छत्तीसगढ़ में मानसून नहीं फैल सका है और किसान इसे लेकर परेशान हैं क्योंकि धन मक्के की खेती किसी बारिश पर निर्भर करता है.

पेंड्रा और रायगढ़ क्षेत्र में आकर थमी मानसूनी हवाएं

अंबिकापुर मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक एम के भट्ट ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर बना रहा है. इससे मानसून की हवाओं का रफ्तार बढ़ सकता है. वहीं पिछले 10 दिनों से लगातार पश्चिमी विच्छोभ के कारण मानसून की हवाएं आगे नहीं बढ़ पा रही थी. ऐसे में एक बार फिर से मानसून पेंड्रा और रायगढ़ क्षेत्र में आकर थम गईं हैं, लेकिन अब मानसूनी हवाओं को गति मिल सकती है. बता दे कि मानसून के उत्तरी छत्तीसगढ़ में सक्रिय नहीं होने की वजह से किसान धान की नर्सरी बोरवेल से सिंचाई कर तैयार करने में जुटे हुए हैं ताकि जब मानसून की बारिश शुरू हो तो पहले से तैयार धान की नर्सरी की रोपाई कर सकें.

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बारिश नहीं होने से किसान परेशान

सरगुजा जिले में इस साल 1.20 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होने की उम्मीद है. और धान की खेती के लिए हजारों किसानों ने बैंकों से करोड़ों रुपए का लोन लिया हुआ है. दूसरी तरफ धान की खेती मानसूनी बारिश पर ही निर्भर करता है. ऐसे में सही समय पर बारिश नहीं होने से किसानों का चिंतित होना लाजमी है.

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