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Chhattisgarh: अरपा नदी में बिलासपुर का 130 एमएलडी मलजल हो रहा प्रवाहित, मामले पर हाई कोर्ट ने की सुनवाई

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

Chhattisgarh News: अरपा पुनरोद्धार मामले में आज हाईकोर्ट को शासन ने बताया कि, उदगम स्थल पर 5 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने का प्रस्ताव को भेजा गया है,यह जमीन वन विभाग से ली जाएगी. अब मामले में सुनवाई जुलाई में होगी.

अरपा को पुनर्जीवित करने के मामले हाई कोर्ट में सुनवाई

अरपा को पुनर्जीवित करने के मामले में गत 15 मई को आयोजित बैठक की पूरी जानकारी और हुए निर्णय पेश करने का निर्देश हाईकोर्ट ने पिछली बार शासन को दिया था. वहीं बुधवार को जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस रजनी दुबे की डीबी में सुनवाई हुई. शासन ने अदालत में आज बताया कि, अरपा के उदगम स्थल पर 5 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने का प्रस्ताव भेजा गया है,यह निर्धारित जमीन वन विभाग से ही ली जाएगी. इसके लिये औपचारिक प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है. डिवीजन बेंच ने नदी में जा रहे गन्दे पानी को रोकने के लिए निगम की योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी देने का निर्देश देते हुए सुनवाई आगे बढ़ी दी.

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नदी में बाहरमासी पानी की मांग

इससे पूर्व हाईकोर्ट के अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला और पेंड्रा के रहने वाले राम निवास तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. इसमें अरपा नदी में बाहरमासी पानी रहे और इसके साथ ही उसे सजाने और संवारने के साथ साफ पानी छोड़े जाने की मांग की गई है. बिलासपुर और आस पास में अरपा के प्रदूषण की हालत बहुत खराब है. प्रति दिन नदी में 130 एमएलडी से अधिक शहरवासियों के जल मल की निकासी हो रही है. हाईकोर्ट ने अरपा नदी में प्रदूषण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दो साल पहले शासन को अरपा रिवाइवल प्लान बनाकर कार्य करने के आदेश दिए थे. इसके बाद शासन ने अरपा रिवाइवल प्लान तैयार किया, लेकिन इसमें अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई अरपा में प्रदूषण रोकने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर काम चल रहा है, परंतु यह अभी अधूरा है.

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