Chhattisgarh: बिलासपुर में स्वतंत्रता दिवस के लिए तैयार किए जा रहे 3 लाख तिरंगा, महिला समूहों को मिला जिम्मा

Chhattisgarh News: बिलासपुर जिले में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की तैयारी को लेकर 3 लाख तिरंगा तैयार किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने नारी शक्ति समूह गनियारी और बैमा नागोई की महिला समूहों को तिरंगा तैयार करने का जिम्मा सौंपा है.
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तिरंगा बनाती महिलायें

Chhattisgarh News: बिलासपुर जिले में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की तैयारी को लेकर 3 लाख तिरंगा तैयार किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने नारी शक्ति समूह गनियारी और बैमा नागोई की महिला समूहों को तिरंगा तैयार करने का जिम्मा सौंपा है. यह तिरंगा मूल रूप से पूरे बिलासपुर जिलों के अलावा अन्य जगहों के लिए भी तैयार किया जा रहा है. सरकार की हर घर तिरंगा और तिरंगा पदयात्रा को लेकर यह तैयारी बड़े जोर से चल रही है. विस्तार न्यूज़ की टीम गनियारी और बैमा नगोई के उसे जगह पर पहुंचा है जहां तिरंगा तैयार हो रहा है और यहां जिन हाथों में तिरंगे को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंप हो गई है. वह महिलाएं भी इसे तैयार करते-करते बड़ी ही गौरवान्वित हो रही है.

विस्तार न्यूज़ से बातचीत में बताती है कि यह उनके लिए एक ऐसा अवसर है जो जिंदगी में पहली बार आया है, ऐसा पहली बार हुआ है कि उन्हें यहां तिरंगा सिलने का अवसर मिला है और यह देश की आन-बान और शान से जुड़ा है इसलिए उन्हें और भी बेहतर लग रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि तिरंगे को सिलते हुए किसी के हाथ थामने का नाम नहीं ले रहे हैं, क्योंकि उन्हें 3 लाख तिरंगा सिलाई का जिम्मा सौंपा गया है और दो दिनों में लाख तिरंगा तैयार हो चुका है. यहां काम कर रही कुछ महिलाओं के पति ने उन्हें छोड़ दिया है, लेकिन उन्हें इस बात का जरा भी मलाल नहीं है, क्योंकि महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्री योजना के तहत उन्हें आजीविका पालने का यह अवसर दिया गया है और समय-समय पर सरकार की तरफ से तमाम तरह के काम सौंपे जा रहे हैं यही काम कारण है कि वे बड़ी ही साहस के साथ यह काम करने में जुटी है.

किसी महिला के पति ने छोड़ा तो कोई आर्थिक स्थिति से कमजोर

विस्तार न्यूज़ ने गनियारी पहुंचकर उन महिलाओं से बात की जो तिरंगा सील रही है उन्होंने बताया कि इनमें कुछ महिलाओं के पति ने उन्हें छोड़ दिया है जो छोटे बच्चों को लेकर उनकी पढ़ाई लिखाई का खर्च उठा रही है और उन्हें गनियारी के इस जगह पर आजीविका का बड़ा साधन मिला है इसके अलावा कुछ विकलांग और ऐसी भी महिलाएं हैं, जो सुबह से शाम तक बड़ी ईमानदारी से कपड़े सिलाई बुनाई का काम कर रही है जिन्हें हर साल घर चलाने और परिवार चलाने का एक बड़ा साधन मिल गया है और उनकी आर्थिक स्थिति सुधर गई है.

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नारी शक्ति का बड़ा स्वरूप देखने को मिला – कलेक्टर

बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण का कहना है यह हमारा राष्ट्रीय झंडा है इसलिए हमने इसकी जिम्मेदारी उन महिला हाथों में दी है जो इसे बेहतर तरीके से सी रही है इसके अलावा उन्होंने यह अपील की है कि कलेक्टर ऑफिस में तिरंगा का इंस्टॉल लगाया गया है जिसकी खरीदी कोई भी कर सकता है, उन्होंने यह कहा है कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी यहीं से झंडा ले रहे हैं तो बेहतर होगा बिलासपुर के लोग भी यहां से ही झंडा खरीदे और जिले में बना रहे तिरंगे का नाम रोशन करें.

महिलाएं साल भर रहती है सक्रिय

कलेक्टर ने बताया कि तिरंगे के अलावा भी नारी शक्ति गारमेंट्स न सिर्फ बिलासपुर जिला बल्कि हैदराबाद बेंगलुरु और कुछ और राज्यों में कपड़ों की सप्लाई हो रही है, जिससे महिलाओं को आजीविका का बड़ा साधन मिला है जिसे बृहद रूप से बढ़ाया जा रहा है यह बेहतर काम है.

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