Chhattisgarh: नक्सलियों के भगाए गए 35-40 आदिवासियों की हुई घर वापसी, 20 साल से बंद शिव मंदिर में की पूजा

Chhattisgarh: साल 2003 में नक्सलियों के द्वारा गांव गारपा के 35-40 परिवार को नक्सलियों द्वारा भगाया गया जो नक्सल प्रकोप के चलते नारायणपुर गुडरीपारा में रह रहे थे. गारपा में पुलिस जन सुविधा एवं सुरक्षा कैम्प स्थापित होने और क्षेत्र में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाये जाने से और रोड निर्माण कार्य होने से नक्सली गांव क्षेत्र से दूर होते जा रहे है.
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ग्रामीणों की हुई घर वापसी

Chhattisgarh: साल 2003 में नक्सलियों के द्वारा गांव गारपा के 35-40 परिवार को नक्सलियों द्वारा भगाया गया जो नक्सल प्रकोप के चलते नारायणपुर गुडरीपारा में रह रहे थे. गारपा में पुलिस जन सुविधा एवं सुरक्षा कैम्प स्थापित होने और क्षेत्र में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाये जाने से और रोड निर्माण कार्य होने से नक्सली गांव क्षेत्र से दूर होते जा रहे है, जिसके परिणामस्वरूप 20 साल पूर्व गांव से भगाये गये आदिवासी ग्रामीण में नक्सल भय से मुक्त होकर निर्भीक रूप से अपने गांव गारपा पहुंचें तथा अपने गांव के शिव मंदिर में पूजा अर्चना किये.

नक्सलियों के भगाए गए 35-40 आदिवासियों की हुई घर वापसी

गारपा गांव में पुलिस कैम्प खुलने एवं रोड निर्माण होने से ग्राम गारपा के ग्रामीणों में नक्सली भय से आजादी की विश्वास जगी है जिससे गांव के लोगों में काफी उत्साह का सुरक्षा माहौल है, जिसके चलते अपने ही गांव में ग्रामीणों की वापसी हो रही है और अपने घर को देखकर तथा परिवार व गांव वालों से मिलकर बहुत आनांदित हो रहे है. अब फिर से माड़ क्षेत्र के आदिवासी ग्रामीण निर्भीक रूप से जीवन यापन कर रहे है. कोण्डागांव-नारायणपुर को सोनपुर होते हुए सितरम तक जोड़ने वाली प्राचीन सड़क जो नक्सलवाद के प्रकोप से 30 साल मे बंद पड़ी थी गारपा में पुलिस जनसुविधा एवं सुरक्षा कैम्प स्थापित होने के बाद से इस सड़क पर बस सुविधाए प्रारंभ हुई है क्षेत्र के ग्रामीण अब जिला मुख्यालय तक बस सुविधा से निजी एवं अन्य दैनिक काम-काजों से यात्रा कर रहे है इस रोड में यात्री बस एवं निजी गाड़िया भी दौड़ रही है.

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गारपा गांव में नवीन कैम्प स्थापित होने से सरकार की ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना के अन्तर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार के सभी योजनाओं को प्राथमिकता में आस-पास के पांच गांव तक पहुंचाया जाएगा। ज्ञात हो कि गारपा कैम्प खुलने के साथ ही इस समय माड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों की सघन नक्सल विरोधी अभियान जारी है, जिसके परिणामस्वरूप क्षेत्र के ग्रामीण अब भय व हिंसामुक्त होकर जीवन जी रहे है एवं ग्रामीणों में नक्सली भय से आजादी की आशा जगी है और नक्सल मुक्त सशक्त बस्तर का सपना साकार हो रहा है.

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